
दो माह पहले हुई थी शादी
दीपक कुमार तिवारी। पटना/नवादा।
बिहार के नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड स्थित पांडेयगंगौट गांव के 22 वर्षीय जवान मनीष कुमार, जम्मू-कश्मीर के कारगिल में ऑपरेशन रक्षक के दौरान ड्यूटी पर शहीद हो गए। बुधवार सुबह मनीष की अचानक बेहोशी की हालत में मौत हुई, जिसकी सूचना सेना ने परिजनों को फोन पर दी। जवान का पार्थिव शरीर 16 मई को गांव पहुंचेगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मनीष आर्मी मेडिकल कोर में तैनात थे और पूरी तरह स्वस्थ थे। 14 मई की सुबह 7:15 बजे वे बेहोश होकर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। महज दो महीने पहले ही 6 मार्च को मनीष की शादी हुई थी। उनकी मौत से गांव में शोक की लहर फैल गई है। मां सुशीला देवी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और परिजन बेसुध हैं।
गांव में मातम, नेताओं और प्रशासन की सक्रियता:
शहीद मनीष के घर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का तांता लगा है। स्थानीय मुखिया दीपक कुमार ने मनीष को मिलनसार और हंसमुख बताया। नवादा के डीएम रवि प्रकाश ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि शव को पहले लेह, फिर दिल्ली और पटना होते हुए गांव लाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मांझी ने लव कुमार के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम भेजी जो परिवार से मिलकर हालात का जायजा ले रही है।
शहीद परिवार की पृष्ठभूमि:
मनीष के परिवार में चार भाई हैं, जिनमें से दो अन्य भाई भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं। देश के लिए सेवा करने वाले इस परिवार की एक और संतति अब मातृभूमि के लिए बलिदान हो चुकी है।