औरंगाबाद :- बिहार में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, नवीनगर में एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह प्लांट औरंगाबाद जिले में स्थित है और इसे राज्य के ऊर्जा उत्पादन में एक नई ऊँचाई पर ले जाने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।
1. स्टेज दो के तहत 800 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण: नवीनगर में एनटीपीसी प्लांट के स्टेज दो के तहत 800 मेगावाट की तीन नई इकाइयों का निर्माण किया जाएगा। यह नया निर्माण प्लांट की वर्तमान उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 4380 मेगावाट तक पहुंचाएगा, जिससे यह प्लांट देश के प्रमुख पावर प्लांट्स में से एक बन जाएगा।
2. देश के प्रमुख पावर प्लांट में से एक: स्टेज दो के निर्माण के बाद, नवीनगर प्लांट देश के प्रमुख पावर प्लांट्स में से एक बन जाएगा। इस परियोजना से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में बिजली की आपूर्ति को स्थिरता और विश्वसनीयता मिलेगी।
3. वर्तमान क्षमता: फिलहाल नवीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन की क्षमता 1980 मेगावाट है। यह क्षमता पहले से ही राज्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और इसके विस्तार से यह और भी प्रभावी हो जाएगी।
4. बिजली उत्पादन: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, इस प्लांट ने 14 हजार मिलियन यूनिट (14411 एमयू) से भी ज्यादा बिजली उत्पादन किया है। यह उत्पादन दर्शाता है कि प्लांट अपनी वर्तमान क्षमता का पूरा उपयोग कर रहा है और आगामी विस्तार के बाद इसके उत्पादन में और भी वृद्धि होगी।
5. तकनीकी उन्नति और पर्यावरणीय लाभ: अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक का उपयोग करने से ऊर्जा उत्पादन में अधिक दक्षता और कम कार्बन उत्सर्जन होगा। यह पर्यावरण के अनुकूल है और सतत विकास को बढ़ावा देता है। इस तकनीक के कारण ईंधन की खपत कम होगी और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा।
6. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। निर्माण और संचालन के दौरान रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे क्षेत्र के निवासियों को लाभ होगा। इसके अलावा, इस परियोजना से क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा।
नवीनगर में एनटीपीसी का यह नया अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट बिहार में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इसके सफल संचालन से राज्य को स्थायी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे न केवल उद्योग और वाणिज्य को बल मिलेगा बल्कि आम जनता को भी लाभ होगा। यह परियोजना बिहार के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाएगी।