Sahara India : हर तंत्र को धता बता निवेशकों को ठेंगा दिखा रहे सहारा के चैयरमेन
चरण सिंह राजपूत
Sahara India : सहारा इंडिया पर लगभग 2 लाख करोड़ की देनदारी बताते हुए सहारा निवेशक भुगतान के लिए जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आंदोलन कर रहेे हैं। चाहे बिहार हो, झारखंड हो, पश्चिमी बंगाल हो, मध्य प्रदेश हो, झारखंड हो, उत्तर प्रदेश हो, राजस्थान हो या फिर हरियाणा लगभग सभी प्रदेशों में सहारा के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। मामले को लेकर सेबी, न्याय पालिका और केंद्र सरकार के साथ ही विभिन्न राज्यों की सरकारें भी सक्रिय हैं। मामला कई विधानसभाओं के अलावा संसद में भी उठ चुका है पर निवेशकों को उनका भुगतान नहीं मिल पा रहा है। हालांकि निवेशक आंदोलन के बल पर अपना भुगतान पाने की उम्मीद पाले बैठे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय हर तंत्र को धता बताते हुए निवेशकों को ठेंगा दिखा रहे हैं क्या वह भुगतान करेंगे ? वैसे भी सुब्रत राय सहारा मीडिया के प्रोटेस्ट में स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि उनका गला काटकर ले जाओ पर उनके पास पैसा नहीं है।
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दरअसल 2015-16 में जब Subrata Roy तिहाड़ जेल में थे तो नोएडा सहारा मीडिया में 4-5 महीने के बकाया वेतन भुगतान को लेकर प्रोटेस्ट हुआ था। उस समय सुब्रत राय ने मीडिया का एक प्रतिनिधिमंडल tihad jail में मिलने के लिए बुलाया था। जब इस प्रतिनिधिमंडल ने सुब्रत राय से अपनी पीड़ा बताई तो पहले तो सुब्रत राय ने इस प्रतिनिधिमंडल को धमकी दी कि कोई कर्मचारी नेता बनने की कोशिश न करे। क्योंकि सहारा में एक ही नेता है और वह सुब्रत राय है। पर लंबी जद्दोजहद के बाद जब सुब्रत राय के पास इस प्रतिनिधिमंडल का कोई जवाब नहीं था तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि उनके पास पैसा नहीं है। मेरा सिर काटकर ले जाओ। कुछ ऐसी ही आशंका निवेशकों की लड़ाई लड़ रहे संयुक्त ऑल इंडिया संघर्ष न्याय मोर्चा के नेताओं को है। निवेशकों को डर है कि कहीं सुब्रत राय भुगतान के के मामले में हाथ खड़े न कर दे। वैसे भी वह कई बार निवेशकों की पाई-पाई चुकाने की बात कर चुके हैं।
सुब्रत राय कभी SEBI पर निवेशकों का पैसा न देन का आरोप लगाते हैं तो कभी ब्याज समेत निवेशकों का पैसा खुद देने की बात करते हैं। देशभर में सुब्रत राय के खिलाफ अनगिनत मामले दर्ज हैं पर इन सबसे बेपरवाह सुब्रत राय सेबी को हर समस्या का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल Subrata Roy का सहारा में जो तिलिस्म रहा है उसके सामने चंद्रकांता का तिलिस्म भी फीका पड़ जाये। सुब्रत राय के अय्यार भी चंद्रकांता के अय्यारों से बढ़कर रहे हैं। सहारा में राजनीति ऐसी कि देश की राजनीति भी पीछे छूट जाए। किसी समय राजनीतिक क्षेत्र से लेकर खेल क्षेत्र और यहां तक तक कि बालीवुड में जबर्दस्त हस्तक्षेप रखने वाले सुब्रत राय के दिन आजकल गर्दिश में हैं।
सहारा निवेशक तो Subrata Roy को Natwar Lal भी बोलते हैं। सुब्रत राय के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों की मदद के नाम पर अपने ही कर्मचारियों के वेतन से 10 साल तक कम से कम 200 रुपये प्रति माह काटे थे। यह वह दौर था जिसमें Subrata Roy सीना चौड़ाकर सहारा परिवार को दुनिया का विसालतम परिवार बताते हुए इसे 10 लाख सदस्यों का परिवार बताते थे। 10 लाख सदस्यों से प्रति माह यदि 200 रुपये भी काटे गये होंगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुब्रत राय ने कारगिल युद्ध के नाम पर अपने ही कर्मचारियों से अरबों-खरबों रुपये जुटा लिये थे। कारगिल युद्द में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को उन्होंने कितना दिया है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकता है।
अरबो-खरबो तो नहीं दिये हैं। क्योंकि सहारा किसी को कुछ देता है तो उसका जमकर प्रचार-प्रसार करता है। वैसे भी सुब्रत राय की नीयत तो लेकर देने कभी रही ही नहीं। वैसे तो सुब्रत राय के शातिराना अंदाज की एक से बढ़कर एक कहानी है। पर जब 2015 में जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने अपने ही कर्मचारियों से साढ़े 1200 करोड़ रुपये ठग लिये थे। दरअसल सुब्रत राय ने अपने प्रत्येक कर्मचारी को एक पत्र लिखकर जेल से छुड़ाने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी। बाद में पता चला था कि उनके एक पत्र पर सहारा कर्मचारियों से लगभग साढ़े 1200 करोड़ रुपये जमा किये गये थे। बकाया वेतन के लिए Sahara Media Delegation जब सुब्रत राय से तिहाड़ जेल में मिला था, तब भी उस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इन साढ़े 1200 करोड़ रुपये के जमा होने की बात सुब्रत राय के सामने रखी थी। उस समय सहारा को सेबी को 500 करोड़ रुपये देने थे।
बताया जाता है कि Sahara India के चैयरमेन Subrata Roy ने बड़ी बेशर्मी से किसी दूसरे मद में पैसों की जरूरत होने की बात करते हुए पत्र लिखने की बात स्वीकार की थी। मतलब सुब्रत राय ने जेल से छुड़ाने के नाम पर अपने ही कर्मचारियों से साढ़े 1200 करोड़ रुपये ठग लिये थे। ऐसे में देखना यह है कि देश के विभिन्न तंत्रों के साथ सहारा निवेशकों का आंदोलन सुब्रत राय से भुगतान निकाल पाते हैं या फिर सुब्रत राय की अय्यारी सबपर भारी पड़ती है।