Latest Sahara India News : उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर में भुगतान की मांग को लेकर राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने किया डीएम का घेराव, ज्ञापन सौंपा
Latest Sahara India News राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने सहारा निवेशकों का भुगतान कराने के लिए कमर कस ली है। मोर्चा भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर सहारा इंडिया के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। Sahara News यह है दोनों संगठनों ने मिलकर शनिवार को डीएम का घेराव किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा। दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने मिलकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर मांग की कि सिद्धार्थनगर जिले में सहारा इंडिया द्वारा लाखों किसानों मजदूरों की ठगी गई 1000 करोड़ रुपए से अधिक की जीवन की गाढ़ी कमाई के भुगतान करने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
अन्यथा जिले की 22 शाखाओं के कर्मचारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए कार्यालय को सील किया जाए, जिससे शेष नागरिक सहारा की ठगी से बच सकें। क्योंकि यह मामला सेबी बनाम सहारा माननीय सुप्रीम कोर्ट से तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक सुब्रत राय माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सत्य नहीं बोलेंगे?
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यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन संगठन सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी अरविंद कुमार गुप्ता व राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद दिवाकर, राष्ट्रीय मुख्य सचिव राधेश्याम सोनी, जिला उपाध्यक्ष राजू लाल श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष उमेश चंद्र निषाद तहसील अध्यक्ष बांसी अनिल कुमार मौर्य जिला सचिव उपेंद्र कुमार यादव तहसील अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष हरीश चंद्र चौधरी और ब्लॉक अध्यक्ष अरविंद कुमार चौधरी मिठवल की अगुआई में किया गया।
दरअसल 95% जो रियल स्टेट और हाउसिंग का भुगतान करने की बात कही जा रही है। वह भुगतान नहीं बल्कि उसे कन्वर्जन कराया गया है, जिसे पूरा देश जानता है। इसीलिए सहारा इंडिया कंपनी, सर्वोच्च न्यायालय को किस खाते से भुगतान हुआ।और किस चेक नंबर से भुगतान हुआ। सूची देने में असमर्थ है। देश के करोड़ों निवेशकों को भी इस बात का पूर्ण विश्वास होता जा रहा है। कि सरकार पूर्ण रूप से सहारा इंडिया कंपनी प्रबंधन को संरक्षण दे रही है। सरकार को देश के करोड़ों निवेशकों की शायद कोई चिंता नहीं है। राजनीतिक दलों में Congress Protest Against Sahara India की खबरें सुनने को मिल रही है।
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दरअसल सहारा इंडिया से पैसा न मिलते देख अब निवेशकों ने सहारा इंडिया के अधिकारियों को बंधक बनाकर पैसे के लिए दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। वैसे तो पूर देश में सहारा इंडिया के अधिकारियों का घेराव हो रहा है पर उत्तर प्रदेश में सहारा इंडिया के कार्यालयों में घुसकर अधिकारियों को बंधक बनाया जा रहा है। मार्च में कानपुर में अधिकारियों को बंधक बनाकर निवेशकों ने पैसा लेने के लिए दबाव बनाया ही था कि निवेशकों गत माह नोएडा सहारा मीडिया के कार्यालय में घुसकर हल्ला काटा। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली और सहारा के चेयरमैन की जन्मस्थली गोरखपुर में सहारा जोनल ऑफिस में घुसकर जोनल मैनेजर को बंधक बना लिया गया। निवेशकों ने जब कार्यालय में ही धरना दे दिया तो पुलिस आई और उसे हस्तक्षेप करना पड़ा। गत दिनों यह Congress Protest Against Sahara India ही था कि उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू सिंह भी सड़कों पर उतर गए थे।
वायरल हो रही एक वीडियो में गोरखपुर में जोनल ऑफिस में धरना दे रहे के चलते कहते सुने जा रहे हैं कि सहारा के अधिकारी अपने रिश्तेदारों और परिजनों को तो निवेश का पैसा दिलवा दे रहे हैं पर उनका पैसा नहीं दे रहे हैं। वैसे भी सहारा निवेशकों ने हाल ही में ऑल इंडिया जन आंदोलन न्याय मोर्चा के बैनर तले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सहारा शहर का घेराव किया था। 5,6,7 अगस्त को ऑल इंडिया जन आंदोलन न्याय मोर्चा और दूसरे संगठन दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। मोर्चा के अध्यक्ष अभय देव शुक्ला के अनुसार इस आंदोलन के तहत मोर्चा अगस्त क्रांति तिरंगा यात्रा निकालने जा रहा है। इस आंदोलन के तहत Sahara India Investors दिल्ली में मोदी सरकार से अपनी मांगें रखेंगे। संयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल आजाद ने 31 जुलाई से निवेशकों को पैसा दिलवाने के लिए सत्याग्रह छेड़ने का ऐलान किया है।
दरअसल सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत समेत दूसरे निदेशकों ओपी श्रीवास्तव, स्वप्ना राय के अलावा सहारा के अधिकारियों के खिलाफ देशभर में एफआईआई दर्ज की जा रही हैं। सबसे अधिक एफआईआर सुब्रत राय की जन्मस्थली बिहार में दर्ज की गई हैं। गत माह पटना हाईकोर्ट ने सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया था पर पर प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट स्टे दिलवा दिया। यह Sahara India Investors की विडंबना ही है कि कहने को तो उनका पैसा दिलवाने के लिए सेबी, पुलिस प्रशासन, सिविल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सक्रिय हैं पर उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है।
सहारा निवेशकों का पैसा न मिलने का मुद्दा झारखंड विधानसभा में उठ चुका है। Congress Protest Against Sahara के तहत छत्तीसगढ़ विधानसभा में सहारा भुगतान का मुद्दा छत्तीसगढ़ विधानसभा के अलावा लोकसभा में भी उठ चुका है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में सहारा मामले पर स्पष्टीकरण भी दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दरबार में भी यह मामला जा चुका है।
इन सबके बावजूद सहारा निवेशकों का पैसा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब निवेशकों ने सहारा इंडिया के कार्यालयों को घेरना शुरू कर दिया है। हालांकि सहारा प्रबंधन आंदोलन कर निवेशकों को मैनेज करने का पूरा प्रयास कर रहा है पर रोज किसी न किसी कार्यालय में हंगामा हो रहा है। सहारा प्रबंधन सेबी पर उसका पैसा न देने का आरोप लगा निवेशकों को पैसा देने में अनभिज्ञता जाहिर कर रहा है। पैसा लेने के लिए सहारा इंडिया प्रबंधन सेबी के खिलाफ आंदोलन भी करवा रहा है।
दरअसल सहारा इंडिया, पर्ल्स, बाइक बोट, हेलो टैक्सी, टाइपराइड, राधा माधव, ब्लू फॉक्स, साइन सिटी, फ्यूचर मेकर, कैची पिक्सल, स्ट्रीट हॉक्स, कर्मभूमि, कल्पतरु, साईं प्रसाद, हीरा गोल्ड पिनकोन, रामेल, प्रयाग, हैलोराड, गो वे, गो बाइक, एनएनएम, एवरग्रीन, विश्वास ट्रेडिंग, कार सर्विस यात्रा, ग्लोबल स्टार, किसान एग्रो, विश्वामित्र जैसे हजारों कंपनियों ने करोड़ों लोगों से लाखों करोड़ की ठगी की है। आप के सांसद संजय सिंह ने भी इस मामलों को उठाया था पर कांग्रेस सहारा के खिलाफ सड़कों पर उतरी थी। Congress Protest Against Sahara India के चलते उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सहारा के खिलाफ प्रोटेस्ट किया।
सहारा इंडिया देश का ऐसा संस्थान रहा है, जिसकी किसी समय बालीवुड, खेल हस्तियां और राजनीति में पूरी धमक थी। भले ही यह दिखावा हो पर सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय ने सहारा में ऐसी व्यवस्था की थी कि किसी भी कार्यक्रम से पहले भारत माता की तस्वीर पर दीप प्रज्वलित किया जाता था। Sahara India Investors का कहना है कि सुब्रत राय ने समय-समय पर खेल हस्तियों को भी सम्मानित किया है। न केवल क्रिकेट बल्कि कुश्ती, हॉकी, बॉक्सिंग को आगे बढ़ाने में सहयोग किया। 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कैप्टनशिप में जब भारत ने विश्व कप जीता तो सहारा ने एम्बी वैली में टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक फ्लैट दिया था, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई थी।
सुब्रत राय का किसी समय इतना बड़ा दबदबा था कि जब 2004 में उनके दोनों बेटों सीमांतो राय और सुशांतों राय की शादी लखनऊ के सहारा शहर में हुई तो इस शादी की चर्चा न केवल देश बल्कि विदेश तक में हुई। यह ऐसी शादी थी कि इसमें एक से बड़ी एक हस्ती ने शिरकत की थी। क्रिकेटर, फिल्म स्टार, शीर्ष नेता और बड़े-बड़े व्यापारी सब लखनऊ में जमा थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर समेत लगभग ११ हजार मेहमानों को पूरे ताम झाम के साथ दावत दी गई थी। इन शादियों में इतने बड़े स्तर पर इंतजाम थे कि कोई महाराजा भी शर्मा जाए। शादी में ऐश्वर्या राय सपरिवार लखनऊ पहुंची थीं। राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों ओैर सितारों के लिए विशेष व्यवस्था थी। Sahara India Investors का कहना है कि सुब्रत राय ने इन्वेस्टर्स का पैसा लुटाया है।
Latest Sahara India News निवेशकों का कहना है कि सुब्रत राय ने उनका पैसा ऐसे ही अपने समारोहों और अय्याशी करने में लगा दिया। दरअसल सुब्रत राय के दोनों बेटों की शादियों में सहारा के विमानों ने देश के अलग अलग शहरों से मेहमानों को लाने के लिए 27 विशेष उड़ानें भरी थीं। शादी में भारतीय, चीनी, इतालवी और मैक्सिकन व्यंजन बने थे। मेहमानों के मनोरंजन के लिए लंदन की संगीत मंडली थी। बॉलीवुड के शीर्ष नृत्य निर्देशक की टोली भी थी। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन एमटीवी के कई मशहूर डीजे कर रहे थे। पंडाल की साज सज्जा की जिम्मेदारी बॉलीवुड के एक नामी कला निर्देशक को दी गई थी। जाने माने निर्देशक राजकुमार संतोषी को शादी की शूटिंग करने का जिम्मा सौंपा गया था। यही वह शादी थी जिसके बाद सुब्रत राय की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की नजरों में आये सहारा के लिए कांग्रेस के भारी पड़ने की बातें भी सामने आती रहती है।
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