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राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का शुभारम्भ : घर-घर जाकर बच्चों की देखभाल के प्रति जागरूक करेंगी आशा कार्यकर्ता

नवजात शिशु
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नोएडा । जनपद में सोमवार को राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह (15 से 21 नवम्बर) का शुभारम्भ हुआ। इस सप्ताह की थीम “सुरक्षा, गुणवत्ता और पोषण देखभाल प्रत्येक नवजात का जन्म सिद्ध अधिकार” है। राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों की देखभाल के तरीके बताएंगी और माताओं को जागरूक करेंगी साथ ही नवजात शिशुओं में जन्मजात दोषों की पहचान कर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगी। सप्ताह के दौरान धात्री महिलाओं को स्तनपान के लाभ के बारे में भी बताया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- सोमवार को ई-लांच के माध्यम से राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का शुभारम्भ हुआ। जिला एवं ब्लाक स्तरीय बाल स्वास्थ्य, आशा, मातृत्व, स्वास्थ्य से संबंधित अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, नवजात शिशु इकाई की स्टाफ नर्स आदि को शिशु देखभाल के संबंध में ई-लांचिंग का ऑनलाइन लिंक प्रेषित किया गया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया- 16 व 17 नवम्बर को जनपद स्तरीय टीम द्वारा एसएनसीयू, एनबीएसयू एवं प्रसव कक्ष की गुणवत्ता सलाह के लिए दौरा किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट राज्य स्तर पर प्रेषित की जाएगी। एसएनसीयू, एनबीएसयू एवं प्रसव कक्ष की गुणवत्ता सलाह के लिए जिले में कार्यरत सहयोगी संस्था- यूनिसेफ, यूपीटीएसयू अथवा एनआई के प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाएगा। सप्ताह के दौरान एसएनसीयू से डिस्चार्ज हुए नवजात शिशुओं का फालोअप डीईआईसी, जिला चिकित्सालय तथा समुदाय स्तर पर किया जाएगा। प्रसव इकाइयों पर गर्भवती महिलाओं का फालोअप चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। प्रसव इकाइयों पर जन्मे समस्त नवजात शिशुओं में जन्मजात दोषों की पहचान के लिए स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। जन्मजात दोषों से ग्रसित शिशुओं को संबंधित इकाइयों पर रैफर किया जाएगा।

डा. भारत भूषण ने भारत सरकार द्वारा जारी (एसआरएस-1019) रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया- उत्तर प्रदेश में शशु मृत्युदर 41 प्रति 1000 जीवित जन्म है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह सूचकांक 30 प्रति 1000 जीवित जन्म है। इनमें से तीन चौथाई शिशुओं की मृत्यु प्रथम माह में हो जाती है। जन सामान्य को नवजात शिशु स्वास्थ्य के विषय में जागरूक करने, नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल, कंगारू मदर केयर, स्तनपान को बढ़ावा देने, बीमार नवजात शिशुओं की पहचान कर समय से चिकित्सा उपलब्ध कराने के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल, शिशु मृत्युदर में कमी लाने के प्रयासों की जानकारी देने के लिए यह सप्ताह आयोजित किया जा रहा है।