Site icon

नशा मुक्त भारत आंदोलन ने की जहरीली शराब बनाने वाले कारोबारियों को उम्र कैद की सजा देने वाले राष्ट्रीय कानून की मांग

पूरे देश में शराबबंदी लागू करें केंद्र सरकार

नशा मुक्ति आंदोलन को तेज करने की जरूरत

नशा मुक्त भारत आंदोलन ने पंजाब में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त की तथा गहरा क्षोभ, आक्रोश और दुख व्यक्त करते हुए भारत सरकार से जहरीली शराब बनाने वालों को उम्र कैद की सजा देने का कानून बनाने की अपील की।
नशा मुक्त भारत आंदोलन ने शराबबंदी और नशा मुक्ति के लिए कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं से आंदोलन को तेज और एकजुट करने का आवाहन भी किया है।
नशा मुक्त भारत आंदोलन की राष्ट्रीय संयोजक, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि शराब एक बहुत बड़ी हिंसा का आधार बन गई है। संविधान के अनुच्छेद सैतालीस के अनुसार राष्ट्र और राज्य की सरकारों का यह कर्तव्य है कि वो शराब बंदी का कानून लाएं लेकिन शराब के कारोबार से करोड़ों रुपयों की कमाईं
हर सरकार करती है तो जहरीली शराब भी कहीं न कहीं गठबंधन से चलती रहती है।
पंजाब में 2020 में 121 लोगों की मौत हुई। 2024 में भी 21 लोगों की मौत हुई और फिर भी ठोस कानूनी आधार नहीं बनाया गया। यह बहुत ही धिक्कारजनक है। पंजाब तो नशा युक्त राज्य बन गया है। भगवंत मान खुद शराब पीते थे लेकिन उन्होंने खुद को उससे मुक्त कराकर ही मुख्यमंत्री पद लिया तो उनसे अपेक्षा रही है कि पंजाब को भी वो नशा मुक्त कराएं। लेकिन आज तक शराब, ड्रग्स इसमें पंजाब के युवा भरपूर डूबे हुए हैं। कल मेथेनॉल जैसी जहरीले पदार्थ के व्यापार की बात फिर से मौत का आधार बन गई है । यह अवैध कारोबार अमानवीय भी है। इस पर तत्काल कठोर कार्यवाही तो होनी ही चाहिए लेकिन दिल्ली से भी पंजाब में शराब आई है तो अब जरूरी है कि केंद्र की सरकार तथा हर राज्य सरकार जहरीली शराब को तो रोक ही दे लेकिन शराब बंदी का कानून लाकर महिलाओं पर हिंसा, युवाओं की जिंदगी की बरबादी और कईयों की मौत रोकना अपना प्रथम उद्देश बनाकर तत्काल कार्यवाही करें।

 

नशा मुक्त आंदोलन के दूसरे संयोजक कर्नाटक के विधायक

 

 

बी आर पाटिल ने कहा कि नशा समाज में विकृति उत्पन्न कर रहा है। ड्रग और शराब से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। इसलिए शराबबंदी पूरे देश में लागू होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में धर्म और संस्कृति की बड़ी बड़ी बाते करते हैं लेकिन नशाबंदी पर एक शब्द नही बोलते।
नशा मुक्त आंदोलन के तीसरे संयोजक और खुदाई खिदमतगार के संयोजक फै़ज़ल खान ने कहा कि पंजाब की सरकार जन आंदोलन से निकली हुई सरकार है लेकिन नशे के प्रति गंभीर नहीं है। इसका परिणाम यह है कि पंजाब में अवैध शराब बनाने वालों का कारोबार चल रहा है।
नशा मुक्त आंदोलन के चौथे संयोजक डॉ सुनीलम ने कहा कि पंजाब में पहले भी जहरीली शराब से मौतें होती रही है लेकिन जहरीली शराब का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है क्योंकि नशें के सभी कारोबारियों को आज तक कड़ी सजाएं नही दी गई।
उन्होंने कहा कि आजादी के 76 वर्षों के बाद अब तक हुई जहरीली शराब से मौतों के जिम्मेदार कारोबारियों को यदि आजीवन कारावास की सजा दी गई होती तो यह सिलसिला रूक सकता था। डॉ सुनीलम ने कहा कि अवैध शराब बनाने वाले ही जहरीली शराब बनाते है इसलिए अवैध शराब बनाने से रोकने के लिए भी कड़े कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।

Exit mobile version