राम विलास
राजगीर। नालंदा लोकसभा का चुनाव दिलचस्प बन गया है। ऐसे तो नालंदा के चुनावी समर में 29 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनमें कुछ दलीय तो कुछ निर्दलीय भी हैं। चुनाव जीतने के लिए सभी प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन यहां मुख्य मुकाबला आमने – सामने की है। एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार और इंडिया समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी डाॅ संदीप सौरभ के बीच सीधा मुकाबला तय है।
एक तरफ जदयू को अपना किला बचाने की चुनौती है, तो दूसरी तरफ भाकपा माले को जदयू के इस किला को फतह करने की। जदयू अपने इस अभेद्य किला को बचाकर चौथी बार चुनाव जीतने के लिए शतरंज की मोहरें बिछा रहा है, तो दूसरी तरफ भाकपा माले, जदयू के अभेद्य किला को भेदने के लिए कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहता है।
हालांकि दोनों दल के प्रत्याशी और उनके समर्थक खुद चुनाव जीतने और दूसरे को पछाड़ने का दावा कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कौशलेन्द्र कुमार नालंदा लोकसभा का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। चौथी बार संसद भवन जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि डाॅ संदीप सौरभ पहली बार लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।
कौशलेन्द्र कुमार नालंदा के निवासी हैं, जबकि संदीप सौरभ दूसरे जिले के निवासी हैं। कौशलेन्द्र कुमार के आचार विचार को नालंदा के लोग भलीभांति जानते हैं, लेकिन संदीप सौरभ के आचार विचार से लोग अपरिचित हैं। जदयू के विपरीत गठबंधन के प्रत्याशी पहले भी अनेकों बार नालंदा में जोर आजमाइश कर चुके हैं। परन्तु वे सभी सफलता से दूर रहे हैं।
जदयू प्रत्याशी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास को दिखाकर वोट मांग रहे हैं। वहीं डाॅ संदीप सौरभ भ्रष्टाचार का मुद्दा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाकामियों को गिनाकर वोटरों को अपने पाले में करने के सघन प्रचार कर रहे हैं। दोनों दल के प्रत्याशी और उनके समर्थक अपने-अपने ढंग से वोटरों को साधने की कोशिश में जुटे हैं।
भाकपा माले और उनके समर्थित दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं की माने तो नालंदा में इस बार परिवर्तन की वयार चल रही है। वहीं सत्तारूढ़ दल और समर्थित दलों की माने तो नालंदा में केवल विकास की लहर चल रही है। यहां के लोगों ने जातिवाद और संप्रदाय बाद से उपर उठकर नीतीश कुमार के विकास पर वोट करेंगे।
बावजूद सभी प्रत्याशी जातिय समीकरण को साधने और जातिय वोट बटोरने में लगे हैं। नालंदा लोकसभा क्षेत्र में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का रोड शो और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम हो चुका है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और मुकेश सहनी एवं अन्य का कार्यक्रम होने वाला है।
इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभा, रोड शो और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी एवं अन्य स्टार प्रचारकों का कार्यक्रम होने वाला है। देखना है कि मतदान के दिन आते आते जनता का मूड कैसा रहता है। पुराने चेहरे को ही ताज पहनायेंगे या दूसरे जिले के प्रत्याशी को मौका देंगे। यह चार जून को मतगणना बाद पता चलेगा।
— बाहरी और स्थानीय को मुद्दा बनाने की हो रही कोशिश
नालंदा लोकसभा चुनाव में वर्तमान समय में बाहरी वनाम स्थानीय का मुद्दा जोर शोर से उठाने की कोशिश हो रही है। जदयू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार नालंदा के मूल निवासी हैं। वहीं भाकपा माले प्रत्याशी डाॅ संदीप सौरभ बगल के जिला पटना के निवासी हैं। डाॅ सौरभ पालीगंज के विधायक हैं। पहली बार नालंदा लोकसभा चुनाव मैदान के पीच पर उतरे हैं।
कौशलेन्द्र कुमार जब से लोकसभा चुनाव लड़ने लगे हैं, तब से उनका सीधा मुकाबला जिला के बाहरी प्रत्याशियों से ही हुआ है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में तो उनके द्वारा बाहरी प्रत्याशी को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। देखना है इसबार क्या होता है। इस बार भी नालंदा लोकसभा पुरानी परंपरा को दुहरायेगा या नया रिकॉर्ड बनायेगा। यह जानकारी के लिए मतगणना तक इंतजार करना होगा।