Multai Kisan Movement : जब एक षड्यंत्र के तहत दिग्गी सरकार ने फंसा दिया था मुलताई किसान आंदोलन  के नायक को!

मुलताई किसान आंदोलन में शहीद हो गए थे 24 किसान, 250 किसानों पर दर्ज करा दिए थे 67 मुकदमे, डॉ. सुनीलम को हो गई थी 54 वर्ष की सजा
12 जनवरी को मुलतापी में किसान संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है शहीद किसान स्मृति सम्मेलन, पुरस्कृत की जाएंगी 24 छात्राएं 

 

चरण सिंह 

किस तरह से सरकारें आंदोलनकारियों को फंसाती हैं। किस तरह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां दमनकारी नीतियां अपनाकर आंदोलनों को खत्म करती हैं। किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चे की कोर टीम के सदस्य डॉ. सुनीलम के साथ रचा गया षड्यंत्र  इसका जीता जागता उदाहरण है। मुलताई किसान आंदोलन  और नरसंहार करने वाले लोगों ने किसान नेता डॉ. सुनीलम को कैसे फंसा दिया। कैसे डॉ. सुनीलम को नरसंहार का दोषी करार देकर उनको 54 वर्ष की सजा करा दी गई। डॉ. सुनीलम जमानत पर छूटकर किसान और मजदूर की लड़ाई लड़ते हुए सत्ताधारी नेताओं से मोर्चा ले रहे हैं।


मुलताई किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में हर वर्ष 12 जनवरी को किसान संघर्ष समिति शहीद किसान स्मृति सम्मेलन करती है। इस वर्ष भी 12 जनवरी को मुलतापी में यह सम्मेलन किया जा रहा है।  किसान संघर्ष समिति हर माह की 12 तारीख को किसान पंचायत भी आयोजित करती है। अब तक 312 किसान पंचायतें हो चुकी हैं।   दरअसल 12 जनवरी 1998 को पुलिस फायरिंग में 24 किसान शहीद हुए थे तथा 150 किसानों को गोली लगी थी। तत्कालीन दिग्विजय सरकार ने किसानों का नरसंहार करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की बजाय 250 किसानों पर 67 मुकदमे दर्ज करा दिए थे। मुलताई किसान आंदोलन के दौरान बनाए गए फर्जी मुकदमों के चलते 17 वर्ष बाद डॉ. सुनीलम को 54 वर्ष की सजा हुई थी। डॉ. सुनीलम 2012 से जबलपुर हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। उनका कहना है कि उन्हें सजा दिलाने की साजिश में अडानी समूह के साथ-साथ कांग्रेस-भाजपा दोनों राजनीतिक दलों एवं पुलिस प्रशासन की अहम भूमिका है। जिसका मकसद मुझे चुनावी प्रक्रिया से बाहर करना था। जिसमें सत्ताधारी समूह सफल रहा है।

 


उन्होंने बताया कि मुलताई किसान आंदोलन ने फसल बीमा और  राजस्व मुआवजे का भुगतान लागत से डेढ़ गुना करने, किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी, बिजली बिल माफी, गेरुआ रोग और इल्ली के प्रकोप को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने, अनावारी की इकाई किसान का खेत बनाए जाने जैसे अनेक मुद्दे 25 वर्ष पहले उठाए थे। 24 किसानों  की शहादत के बाद कुछ मुद्दे हल हुए, अधिकतर मुद्दों पर संघर्ष जारी है ।
डॉ. सुनीलम का कहना है कि किसान संघर्ष समिति, जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, भूमि अधिकार आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चा तथा समाजवादी समागम के साथ मिलकर लगातार किसानों के संघर्ष को प्रभावशाली बनाने और किसानों  की समस्याएं हल कराने के लिए प्रयासरत हैं।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12 जनवरी को 24 शहीद किसानों की स्मृति में मुलतापी में सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। हम हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 24 छात्राओं को पुरस्कृत करेंगे । अब तक  हम 20 बार सामूहिक रक्तदान शिविर भी इसी दिन आयोजित कर  चुके हैं।
इस बार से वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।

  • Related Posts

    NCLT मुंबई के अफसर समेत 2 गिरफ्तार 

    नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 29…

    Continue reading
    डिफेंस डील पर बोले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह –  ‘क्यों करते हैं ऐसा वादा ?

    नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    किरतपुर में बिजली अच्छी आने से जनता में खुशी की लहर

    • By TN15
    • May 30, 2025
    किरतपुर में बिजली अच्छी आने से जनता में खुशी की लहर

    अवैध गतिविधियों पर चला प्राधिकरण का डंडा

    • By TN15
    • May 30, 2025
    अवैध गतिविधियों पर चला प्राधिकरण का डंडा

    पीएम से मिले शुभम द्विवेदी के परिजन 

    • By TN15
    • May 30, 2025
    पीएम से मिले शुभम द्विवेदी के परिजन 

    100 दिन – उत्सव नहीं, आत्ममंथन का समय

    • By TN15
    • May 30, 2025
    100 दिन – उत्सव नहीं, आत्ममंथन का समय

    सुरवीन चावला ने साझा किया दर्दनाक वाकया, डायरेटर ने की थी किस करने की कोशिश!

    • By TN15
    • May 30, 2025
    सुरवीन चावला ने साझा किया दर्दनाक वाकया, डायरेटर ने की थी किस करने की कोशिश!

    रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी!

    • By TN15
    • May 30, 2025
    रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को दी कड़ी चेतावनी!