The News15

हमेशा राजनीति दे दूर रहे मुलायम के छोटे भाई अभयराम, 78 साल की उम्र में अखिलेश और शिवपाल के लिए प्रचार

अखिलेश और शिवपाल
Spread the love

द न्यूज 15 

इटावा। राजनीति से कोसों दूर खेती-किसानी का लुत्फ उठाने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई अभयराम सिंह यादव विधानसभा चुनाव में अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव को रिकार्ड मतों से जीत दिलाने के लिए चुनाव प्रचार में जोरशोर से जुट गए हैं। शिपवाल सिंह यादव इटावा जिले की जसंवतनगर विधानसभा सीट से सपा गठबंधन और अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी संसदीय सीट के अंतर्गत आते हैं, इस नाते दोनों विधानसभा सीटों का बहुत अधिक महत्व है।
मिशन 2022 के लिए परिवार के सभी राजनीतिक चेहरे कड़ी मेहनत करके अखिलेश यादव को फिर मुख्यमंत्री बनाने के लिए जुटे हुए हैं लेकिन परिवार के एक ऐसे सदस्य अभयराम सिंह यादव भी हैं, जो राजनीति से दूर-दूर तक कोई लगाव या वास्ता नहीं रखते हैं, फिर भी इस बार चुनाव में छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव के लिए प्रचार-प्रसार करने निकल पड़े हैं। मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई 78 वर्षीय अभयराम सिंह यादव इस चुनाव में प्रचार-प्रसार करने में लगे हुए हैं। अभयराम सिंह यादव बदायूं लोकसभा सीट से सांसद रह चुके धर्मेंद्र यादव के पिता हैं और उनका एक ही मिशन अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना हैं। अभयराम सिंह यादव अपने क्षेत्र सैफई में छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के पक्ष में वोट करने की अपील करते नजर आए और मैनपुरी की करहल विधानसभा क्षेत्र में जाकर भतीजे अखिलेश यादव के लिए भी उन्होंने वोट मांगे।
अभयराम सिंह यादव राजनीति में कम दिलचस्पी रखते हैं लेकिन 78 वर्ष की उम्र में अपने भतीजे अखिलेश यादव के लिए गांव-गांव जाकर जनसंपर्क भी कर रहे हैं। वह यह भी कहने से नहीं चूक रहे कि अब तो चाचा और भतीजे भी एक हो गए हैं। इस बार सपा की सरकार बनना तय है। 10 मार्च को जब अखिलेश यादव की जीत होगी तभी से प्रदेश में खुशहाली आएगी। इससे पहले अभयराम सिंह यादव कभी चुनावी प्रचार में कहीं नहीं दिखाई दिए, लेकिन अखिलेश यादव के मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने के एलान के बाद अभय राम सिंह यादव भी चुनावी अखाडे में खड़े दिखाई दिए।
अभयराम सिंह यादव के चुनावी प्रचार की चर्चा इस बात को लेकर खासी इसलिए हो रही है कि खेती खलिहान कर किसानी करने वाले अभयराम ने कभी राजनीति में दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन भाई भतीजे को जिताने के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं। जनसंपर्क के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार के कार्यकाल में महंगाई, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था से किसान, नौजवान, महिला, गरीब, अल्पसंख्यक और छात्र सब त्रस्त हो चुके हैं। भाजपा सरकार लोगों के अधिकारों को खत्म करना चाहती है और देश को अधिनायकवाद की तरफ ले जाना चाहती है। इस सरकार के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा लोग पुलिस उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। भाजपा के लोग प्रदेश में सबसे ज्यादा अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
इस चुनाव में एक अहम बात देखने को मिली कि पहले सपा के चुनाव प्रचार-प्रसार में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव, पार्टी के रणनीतिकार माने-जाने वाले प्रो रामगोपाल यादव, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव सहित परिवार के कई लोग अखिलेश यादव के साथ चुनावी रैलियों, जनसभाओं में उनके साथ मौजूद दिखाई देते थे, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ परिवार का कोई सदस्य किसी मंच या रथ पर उनके साथ नहीं दिखाई पड़ रहा है।