नई दिल्ली। वक्फ संशोधन के खिलाफ मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नए कानून के खिलाफ याचिका लगाई है। उन्होंने ये याचिका व्यक्तिगत तौर पर दी है। इसमें मांग की गई है कि नए कानून को रद्द किया जाए। अगर जरूरी हो तो वक्फ कानून को नए तरीके से संशोधित जाए। आरिफ मसूद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य भी हैं और भोपाल सेंट्रल से विधायक हैं। 15 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई होगी।
इंसाफ तो खत्म हो गया- आरिफ मसूद
कांग्रेस विधायक ने कहा, “वक्फ कानून को लेकर एक याचिका मैंने सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दी है। उम्मीद है कि हमारे एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा बहुत काबिल हैं। निश्चित रूप से बहुत अच्छे तथ्यों के साथ उन्होंने याचिका लगाई है। कमियां हमने बताई हैं। एक सेंट्रल वक्फ होता है उसमें 22 मेंबर होते हैं। इसमें 12 आपने नॉन मुस्लिम कर दिए हैं. जब पहले ही आपने ये कर दिया तो इंसाफ तो खत्म हो गया।
हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा- कांग्रेस विधायक
आरिफ मसूद ने आगे कहा, “दूसरी बात जो आपने कही है कि एक प्रॉपर्टी लेकर दूसरे को दी जाएगी, वो उस कानून में कहीं नहीं है। ये लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। इन तमाम बदलावों को लेकर याचिका लगा दी गई है। उम्मीद है कि पूरी ताकत के साथ हमारे वकील केस लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा। ये कानून रद्द होगा।
जब संसद में वक्फ संसोधन विधेयक को लाया गया तब से आरिफ मसूद इसकी मुखालफत करते रहे हैं। इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड में आयोजित धरना प्रदर्शन में उन्होंने कहा था, “जिसको जिधर जाना है उधर जाए लेकिन हम आखिरी दम तक अल्लाह के कानून के लिए लड़ेंगे. वक्फ की जागीर राजाओं-बादशाहों की नहीं हैं. जिसको अल्लाह ने हिदायत दी उसने अपनी जमीन अल्लाह के रास्ते में दी. ये जमीनें वक्फ की हैं और वक्फ की ही रहेंगी, आप नाजायज कब्जे नहीं हटाना चाहते बल्कि आप सिर्फ परेशान करना चाहते हैं।
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