‘मां! मेरा क्या कुसूर था?’ डस्टबिन में पड़ी रो रही थी नवजात

 -‘देवदूत’ बन सफाईकर्मी ने बचाई जान

 बेगूसराय। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारों के बीच बेगूसराय से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। इसने सभी को झकझोर कर रख दिया। जिले के बखरी थाना क्षेत्र के अंबेडकर चौक पर एक नवजात बच्ची डस्टबिन में मिली। नवजात भले ही बोल नहीं सकती है, लेकिन अगर वो बोल सकती, सवाल पूछ सकती तो पहला सवाल शायद उसका एक ही होता- मां मेरा क्या कसूर था? यह दिल दहला देने वाला वाक्या उस वक्त हुआ, जब सफाई कर्मी सुबह की सफाई के दौरान डस्टबिन के पास पहुंचे। उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी।
सफाई कर्मी नियमित सफाई कर रहे थे, तभी उन्होंने डस्टबिन में एक नवजात बच्ची को पाया। बच्ची को तुरंत डस्टबिन से निकालकर पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बच्ची अब स्वस्थ है और उसकी देखभाल की जा रही है। आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन कोई भी बच्ची को पहचान नहीं पाया।
बच्ची को बचाने वाले सफाई कर्मी ने बताया कि उनकी दो बेटे हैं, लेकिन वे बेटी के अभाव को महसूस करते हैं। इस कारण उन्होंने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है और वह खतरे से बाहर है।
इस हृदय विदारक घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नवजात बच्ची को जन्म के तुरंत बाद डस्टबिन में फेंकने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं समाज की कड़वी सच्चाई को उजागर करती हैं।

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