मोहम्मद हारून, जिसे उत्तर प्रदेश एटीएस ने 22 मई 2025 को दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया, एक कथित पाकिस्तानी जासूस है, जो भारत में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल था। वह पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात कर्मचारी मुजम्मिल हुसैन का करीबी सहयोगी था, जिसे भारत सरकार ने 13 मई 2025 को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश से निष्कासित कर दिया था। हारून पर आरोप है कि वह मुजम्मिल के साथ मिलकर पाकिस्तानी वीजा दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करता था और भारत की संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को साझा करता था।
उसके पास से दो पासपोर्ट बरामद हुए, जिनमें से एक भारतीय और दूसरा बांग्लादेशी है। वह दो देशों की दो महिलाओं से शादीशुदा है। हारून और एक अन्य आरोपी, मोहम्मद तुफैल, को एनआईए कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह गिरफ्तारी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुई, जिसमें अब तक 14 लोग पकड़े जा चुके हैं। हारून की गतिविधियां पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों से जुड़ी थीं, और वह कथित तौर पर भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश में शामिल था।