
पहलगाम आतंकी हमले के पांच दिन बस भी पीएम मोदी मन की बात में यह कह रहे हैं कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा। मतलब खेल अब मैनेज का चलेगा। यदि सब कुछ ठीकठाक होता तो पीएम मोदी अपने स्वभाव के अनुसार पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध को लेकर मन की बात में फोकस करते। पता नहीं कि मोदी किस दबाव में हैं। पर यह तो देश को समझ लेना चाहिए कि वह कुछ नहीं होने जा रहा है जिसमें देश झूम उठे। दिलचस्प बात यह है कि आतंकी हमला हमने झेला। 28 पर्यटक हमने खोए। पर अभी तक के कूटनीतिक युद्ध में पलड़ा पाकिस्तान का है।
सिंधु समझौते को रद्द करने के बावजूद भारत पाकिस्तान का पानी रोकने की स्थिति में नहीं है। मतलब कोई दबाव नहीं पड़ेगा। जहां तक पाकिस्तानी वीजा खत्म कर पाकिस्तानियों को उनके देश भेजने से देश को कौन सा फायदा और पाकिस्तान को कौन सा नुकसान होने जा रहा है। जबकि पाकिस्तान ने व्यापार रोक दिया है। एयर बेस भारत के लिए बंद कर दिया हैं। मतलब केंद्र सरकार किसी के दबाव में है। ऐसे में यदि फिर से देश में व्यवस्था गड़बड़ा गए तो समझिए। दरअसल बिहार में हम भले ही सीएम नीतीश कुमार की सरकार मानकर चल रहे हैं पर यह भी समझ लेना कि पहलगाम में सुरक्षा खामियां की खामियां का भय कीजिए। कोई दिनेश जी से जुड़ी बात भी कर लेना चाहिए। जो लोग यह उम्मीद लगाते बैठे हैं। कि पीएम मोदी की तख्ता पलट कांग्रेस को धरातल की ओर ले जाने की है।देखने की बात यह या कि कांग्रेस में नेता अब आत्मविश्वास से लबरेज हैं इसे में लड़का नहीं मिल रहा है तो शादी को यादगार मनाया जाएगा। कैसे तो लगभग सभी नेताओं को जी।