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मोदी ने 2200 मकान दिये पर वोट 22 भी नहीं मिले 

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नगीना। बीजेपी को मंथन करना चाहिए कि आखिर कमी कहां रही। इतनी सरकारी योजनाओं के बावजूद बीजेपी क्यों हार गई ? स्थिति यह है कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेने वालों ने ही भाजपा प्रत्याशी को हराया है।  इसमें कुछ भाजपा के जयचंदों का भी अहम रोल बताया जा रहा है। पार्टी हाईकमान को इस पर गंभीरता से विचार कर भाजपा समर्पित लोगों को ही लाभ दिलाने और जयचंदों को बाहर का रास्ता दिखाऐ विशेष कर जो भाजपा में है और भाजपा को अपना मानते नहीं है।
नरेंद्र मोदी ने अपने 10 वर्षों के प्रधानमंत्री कार्यकाल में सबका साथ सबका विकास उसका नारा साकार करते हुए नगर नगीना में बिना किसी भेदभाव के 2200 समाज के उस व्यक्ति को जो सबसे निचली सीढ़ी पर खड़ा है, प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीबों की बहू बेटियों की इज्जत सुरक्षित रहे हजारों इज्जत घर शौचालय दिए जिसका सबसे अधिक लाभ विशेष वर्ग के गरीब परिवारों को 1800 मकान मिलने से लाभ मिला हजारों शौचालय मिले दूसरे नंबर पर गैर वाल्मीकि समाज के दलितों को मिला जो पत्रों की सूची में आते ही नहीं थे उन्होंने विभाग के जे ई और पालिका अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से इस योजना का भरपूर लाभ उठाया। वहीं  अनाज के कट्टे भर भर कर घर ले जाते रहे हैं गैस सिलेंडर का भी बड़ा लाभ उठाया लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी व योगी सरकार को वोट और सपोर्ट न देकर ठेंगा दिखाया।  जबकि भाजपा परिवार और भाजपा का समर्पित वोटर हर योजना के लाभ से वंचित रहा है यहां तक लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पूर्व ही भारत सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान कार्ड योजना को भी राशन कार्ड के छह यूनिट वालों को पात्र बताकर उन्हें दोनों वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाया जो कभी भाजपा के थे ही नहीं और ना ही भविष्य में हो सकेंगे इस आयुष्मान योजना का लाभ समाज के सबसे दबे कुछ व्यक्ति दिया जाना था लेकिन इस योजना का लाभ भी अपात्र पूंजीपतियों को ही मिल सका। लेकिन भाजपा से दूरी बनाए रखने वाले दोनों वर्ग के लोगों ने ही सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह दिखा दिया कि हम अपने मिशन से हटकर तुम्हें वोट नहीं दे सकते पर तुम्हारी हर योजना का लाभ हम ले सकते हैं। हम तुम्हें चुनाव आने पर हर आएंगे और तुम्हारी औकात दिखाएंगे यह बीजेपी का हर नेता कह रहा था कि जिनको योजना का लाभ दिया जा रहा है उनका लाभ पहुंचाना बंद करो और भाजपा समर्पित मतदाताओं और भाजपा परिवार को हर योजना का लाभ पहुंचाओ लेकिन ऊपर बैठे भाजपा हाईकमान जो इन पर पूर्ण विश्वास कर बैठा अब विश्वास घात होने पर उनकी भी समझ में आ गया कि यह दोनों वर्ग भाजपा के हो ही नहीं सकते।
अरे उन्होंने तो भाजपा प्रत्याशी ओम कुमार को हराने वाले दल प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद को गले लगाते हुए चुनाव जीता दिया और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार वे सुरेंद्र कुमार एडवोकेट को नकार दिया जिस दल के नेता ने हमेशा उनका हक दिलाने की बात कही, जब यह उस दल नेता के नहीं हो सके तो भला भाजपा के क्या हो सकेंगे। इन दोनों समुदाय के लोगों का मकसद एक ही है कि भाजपा विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उखाड़ फेके। लेकिन यह सब उनके हाथ में नहीं है। यदि यह सब कुछ उनके हाथ में होता तो भाजपा को तो बहुत पहले ही खत्म कर डालते।  इसमें वह भी शामिल है जो भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बने हुए हैं उनके भी निजी परिवारों का वोट भाजपा प्रत्याशी ओम कुमार को नहीं मिला जबकि भाजपा में  उनकी सं भी सैकड़ों में है, जब वह भाजपा को अपना बेरी समझते हैं तो फिर भाजपा में उनका क्या काम भाजपा हाईकमान ऐसे सभी दोगले और धोखेबाज नेता और कार्यकर्ताओं को तत्काल बाहर का रास्ता दिखाएं, इनमें कुछ भगवान श्री राम को मानने वाले भी यानी की हिंदू नेता कार्यकर्ता भी शामिल हैं।  भाजपा हाईकमान ऐसे सभी जयचंदों संगठन से बाहर का रास्ता दिखाएं तभी भाजपा मजबूत और जीत का परचम लहरा सकेगी।

एक शायर का यह शेर भाजपा पर सटीक बैठता है।
जिनसे है वफा की उम्मीद, ।
जो वफ़ा को जानते ही नहीं ।