एमएलसी चुनाव : भाजपा के 12 राजपूत, 9 पिछड़ा वर्ग तो 5 ब्राह्मण उम्मीदवारों ने दर्ज की है जीत, BJP के जातीय समीकरण के सामने फेल हुआ विपक्ष 

द न्यूज 15

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एलएलसी चुनाव में भाजपा रणनीतिकारों ने ऐसा जातीय समीकरण बनाया कि विपक्ष चारों खाने चित हो गया। इन चुनाव में 12 राजपूत, 9 पिछड़ा वर्ग और 5 ब्राह्मण और 3 वैश्य हैं। यूपी एमएलसी चुनाव में बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर अपने पत्ते खेले हैं। यही वजह रही कि बीजेपी ने प्रमुख विपक्षी दल सपा का सूपड़ा साफ करके विधान परिषद में बहुमत हासिल कर लिया है। उत्तर प्रदेश में ऐसा 40 साल बाद हुआ है जब परिषद में किसी राजनीतिक दल ने को बहुमत हासिल हुआ है। एमएलसी चुनाव में बीजेपी के जो उम्मीदवार जीते उन्हें देखकर साफ लगता है कि जो समीकरण बनाए गए थे वो सफल रहे। एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 के आम चुनाव को देखकर ही जातीय समीकरण गढ़ा गया था।
एमएलसी चुनाव में मंगलवार को भाजपा ने 24 सीटें जीत लीं, जबकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का खाता नहीं खुल सका। विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इस तरह भाजपा ने 36 में से कुल 33 सीटें जीतीं। इसके साथ ही 100 सदस्यीय विधान परिषद में भी भाजपा का बहुमत हो गया है। उसके सदस्यों की संख्या 34 से बढ़कर 67 हो गई है।
27 सीटों के लिए पिछले शनिवार को डाले गए मतों की गणना का कार्य मंगलवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। भाजपा ने शुरू से ही अपनी बढ़त बना ली। दोपहर बाद घोषित परिणाम में भाजपा ने 27 में से 24 सीटें जीत लीं। हालांकि बीजेपी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में मिली हार कचोट रही होगी। आजमगढ़ और प्रतापगढ़ सीट पर भी पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। जानकारों का कहना है कि योगी के लिए ये जीत मायने रखती है। वाराणसी से बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी ने जीत हासिल की। बृजेश को बीजेपी और सीएम योगी का करीबी माना जाता है। राजा भैया भी योगी के विश्वस्तों में शुमार हैं तो आजमगढ़ से जिस प्रत्य़ाशी ने जीत हासिल की उसके पिता यशवंत योगी के खासमखास हैं।

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