पीएम मोदी के सीएम योगी के नेतृत्व में 2014 का रिकार्ड तोड़ने वाले बयान के मायने ?

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चरण सिंह 

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अमरोहा में रैली को संबोधित करते हुए तारीफ की, जिस तरह से उन्होंने उत्तर प्रदेश के चुनाव योगी आदित्यनाथ की अगुआई में लड़ने की बात कही। प्रधानमंत्री का योगी आदित्यनाथ पर मेहरबाद होना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री की योगी आदित्यनाथ की इस तरह से तारीफ करने को लोग नरेंद्र मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री मानकर चल रहे हैं। कुछ लोग राजपूतों की नाराजगी को कम करने का यह प्रधानमंत्री का प्रयास मान रहे हैं। कुछ लोग लोकसभा चुनाव जीतना का हथकंडा तो कुछ लोग योगी आदित्यनाथ के लिए लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक खतरा मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की योगी आदित्यनाथ की तारीफ का एक बड़ा कारण यह भी है कि अमरोहा में मोदी मोदी से ज्यादा योगी – योगी के नारे लगे। तो क्या प्रधानमंत्री योगी आदित्यनाथ को पसंद करने लगे हैं ? या फिर उन्हें योगी योगी के नारे पसंद नहीं आये। क्या मोदी के बाद देश के प्रधानमंत्री आदित्यनाथ योगी बनेंगे ?
वैसे चर्चा यह है कि प्रधानमंत्री अपने बाद गृह मंत्री अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं ? उत्तर प्रदेश में अमित शाह द्वारा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लॉबी तैयार करने की बात भी समय समय पर सामने आत रही है। चाहे केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाना हो, गुजरात कैडर के आईएएस अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश में एमएलसी बनवाना हो या फिर मंचों से योगी आदित्यनाथ की उपेक्षा करना। हर मामले में योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी को लेकर राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। चर्चा तो यह भी है कि पीएम मोदी के बाद नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है।
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ राजपूतों की पंचायत का असर भाजपा नेतृत्व पर पड़ रहा है। ननौता, खेड़ा सरधना, नोएडा के सदरपुर गांव, हापुड़ और बुलंदशहर में राजपूत महापंचायतें हुईं। हालांकि ग्रेटर नोएडा के घोड़ी बछेड़ा गांव में जिला प्रशासन ने पंचायत नहीं होने दी। पंचायत के आयोजक मोहित रावल का कहना है कि पंचायत से पहली वाली रात में ही पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर लिया था। हालांकि राजपूत नेताओं का आक्रोश कम  होने का नाम नहीं  ले रहा है। पहले चरण में हुए नगीना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, कैराना, सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर में हुए मतदान में विपक्ष और सत्तापक्ष अपने अपने दावे कर रहे हैं। अब दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के अमरोहा, मेरठ, बागपत, मथुरा, बुलंदशहर, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद सीट पर 26 अप्रैल को मतदान है। इन सीटों पर 5 पर बीजेपी और तीन में और बाकी होने का दावा किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि दूसरे चरण के चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं ?

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