
मायावती ने अपने बयान में कहा कि बसपा ही देश में बहुजन हितों की एकमात्र अंबेडकरवादी पार्टी है और पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चाताप पर उन्हें वापस लेने की परंपरा रही है। उन्होंने आगे लिखा कि आकाश आनंद के उतार-चढ़ाव और उन्हें मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने से कुछ लोगों में बेचैनी स्वाभाविक है। मायावती ने यह भी कहा कि अवसरवादी और स्वार्थी लोगों, जो कांग्रेस, भाजपा, और सपा जैसी पार्टियों के इशारे पर बहुजनों की एकता और बसपा को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, को ‘बरसाती मेंढकों’ की संज्ञा दी, जिनसे समाज का भला नहीं होगा।
यह बयान मायावती का चंद्रशेखर आजाद पर अब तक का सबसे बड़ा सियासी हमला माना जा रहा है। गौरतलब है कि चंद्रशेखर आजाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से जीत हासिल की, जहां बसपा का प्रदर्शन कमजोर रहा। मायावती का यह बयान आकाश आनंद की वापसी और चंद्रशेखर की बढ़ती लोकप्रियता के बीच दलित वोट बैंक को लेकर चल रही सियासी प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।