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Maharashtra politics : महाराष्ट्र में गुल खिला रही शिंदे गुट की राजनीति 

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Maharashtra politics : कुछ नहीं कर पा रहे हैं महाराष्ट्र के पितामह भी 

Maharashtra politics : अगर आप राजनीति से दूर रहते हैं और आपको पता नहीं है कि Maharashtra politics में क्या चल रहा है। क्या आपको मालूम है कि महाराष्ट्र में अभी कौन सरकार चला रहा था, अब सरकार कौन चलाएगा ? उद्धव ठाकरे से नाराज एकनाथ शिंदे कौन हैं, जो अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बन गए हैं ? ये शरद पवार कौन हैं ? BJP ने महाराष्ट्र में अब क्या नया खेला कर दिया, सबके सब गुवाहाटी काहे भाग गए थे ? कौन सा नेता किस पार्टी में भाग गया और क्या देवेन्द्र फडणवीस नाराज हैं?

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Maharashtra Political News : भाजपा जो कि केंद्र में भी काबिज है। महाराष्ट्र में इसका प्रमुख चेहरा देवेन्द्र फडणवीस हैं। कांग्रेस अन्य राज्यों की तरह यहां भी ज्यादा खास स्थिति में नहीं है। शांत भी रहती है, शिवसेना- ये बाल ठाकरे द्वारा बनाई गई पार्टी है जो महाराष्ट्र में ही बनी आज बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे इसे सम्भालते हैं या फिर थे, NCP – Nationalist Congress Party इसका प्रमुख चेहरा शरद पवार हैं। शिवसेना की तरह ये पार्टी भी महाराष्ट्र बेस पार्टी है, यानि इनका Main फोकस महाराष्ट्र की Politics तक सीमित रहता है।

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महाराष्ट्र में आखिरी बार विधानसभा का चुनाव OCT 2019 में हुआ था। इसी चुनाव से मुख्यमंत्री चुने जाते हैं। 2019 के पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री BJP से आने वाले देवेन्द्र फडणवीस थे। ये सरकार BJP और शिवसेना के साथ गठबंधन से बनी थी। 2019 के चुनाव में हमेशा की तरह शिवसेना और BJP साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं। साथ मिलकर चुनाव प्रचार करते हैं, इसका कारण इन दोनो पार्टियों की Ideology, हिंदुत्व का एक होना है। लेकिन इस बार चुनाव के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री BJP से नही बल्कि शिवसेना से आने वाले उद्धव ठाकरे बनते हैं और यही नही सालों से शिवसेना और BJP का गठबंधन टूट जाता है और शिवसेना यहां पर अपनी ही विरोधी पार्टी कांग्रेस और NCP के साथ करके सरकार बनाते हैं।

अब यहां पर सवाल उठता है क्यो?  क्यों शिवसेना ने अपने एकदम Opposite Ideology रखने वाली पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली जबकि BJP के साथ वे Already 1989 से साथ थी, इसी तरह NCP के शरद पवार ने चुनाव प्रचार शिवसेना और BJP के खिलाफ लड़े, लेकिन अंत में तीनो विरोधी NCP, Congress और शिवसेना मिलकर सरकार बना लेते हैं और BJP को SIDE कर देते हैं।

दरअसल इन सबके पीछे महाराष्ट्र के राजनीति के पितामह या कहे GODFather कहे जाने वाले NCP के नेता शरद पवार का हाथ था। जब चुनाव के रिजल्ट के आते हैं तो Clearly पता चल गया कि शिवसेना और BJP आसानी से अपनी सरकार बना सकते हैं, लेकिन जीतने के बाद भी कई दिनो तक BJP औऱ शिवसेना के बीच पदों को लेकर झगड़े चलते रहें, शिवसेना के उद्दव मुख्यमंत्री के पद पर बैठना चाहते थे, लेकिन ज्यादा विधायक BJP के पास थे।

एक और Insecurity थी कि BJP 2019 में केन्द्र में भी दोबारा चुनकर आ चुकी थी, Maharashtra Political News के अनुसार शिवसेना को लगा कि महाराष्ट्र में हमारा सालों से चला आ रहा दबदबा कम हो जाएगा। ऐसे में शिवसेना ने BJP के सामने CM पद के Rotation की बात की, यानि ढाई-ढाई, सालों के लिए शिवसेना और BJP के मंत्री CM पद पर बैठेंगे यानी दोनों पार्टियों को मौका मिलेगा।

लेकिन इस पर शिवसेना और BJP की बात नही बनती है औऱ  NCP के नेता शरद पवार ने इसी बात का फायदा उठा लिया। उन्होंने अपनी पार्टी के साथ दो Opposite पार्टियों को एक साथ लाकर गठबंधन करवा दिया और 28 नवंबर 2019 के दिन Finally उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेते हैं। इसके अलावा ये गठबंधन कई मामलों में खास था क्योंकि ठाकरे परिवार की ओर से पहली बार कोई सरकार के किसी पद पर बैठने जा रहा था और वो भी सीधा मुख्यमंत्री के पद पर, महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा से ठाकरे परिवार का एक अलग ही दबदबा रहा था।

किसी समय मार्केट में Maharashtra Political News तैर रही होती थी कि शरद पवार महाराष्ट्र का किंगमेकर कहा जाता था, यानी Indirectly सरकार चलाना, शिवसेना के मुखिया बाल ठाकरे कई मायनों में अकेले सरकार से ज्यादा ताकत रखने वाले व्यक्ति थे, अपने प्रभाव से सरकार के बाहर होते हुए भी सरकार के कामों को प्रभावित करते थे। ठाकरे परिवार और शिवसेना के बारे में हमने इस वीडियो में विस्तार से बताया है अगर आप इसके बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं।

वापस आते हैं, 29 जून 2022 का दिन आता हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फेसबुक लाइव कर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे देते हैं। Maharashtra Election News का यह मामला महत्वपूर्ण रहा है कि ढाई साल बाद जोड़ तोड़ कर बनाया गया एलायंस बिखर जाता हैं, चलिए इस सरकार के गिरने की कहानी समझते हैं, इस अलायंस के बिखरने का कारण शिवसेना बनी, शिवसेना के कुछ विधायक पार्टी से असहमति के चलते अलग हो जाते हैं। इन अलग हुए नेताओं का प्रमुख चेहरा एकनाथ शिंदे बनते हैं।

Maharashtra Election News : एकनाथ शिंदे मुंबई के थाने सीट से जीतकर आते हैं। इन्हें एक सच्चा शिवसैनिक और शिवसेना का कद्दावर नेता भी माना जाता है। 2019 के चुनाव के बाद लोगों को लगा कि एकनाथ शिंदे ही अगले CM बनेंगे, लेकिन शरद पवार के अनुसार अगर ठाकरे परिवार से CM बनेगा तो संगठन में पकड़ अच्छी बनेगी, एकनाथ शिंदे ने इस बात को Accept कर लिया, पिछले ढाई साल में जब भी सरकार पर कोई प्रश्न उठाए गए, एकनाथ सबसे आगे दिखाई दिए।

21 जून 2022 के दिन यही एकनाथ शिंदे लगभग दो दर्जन विधायक लेकर सरकार से बगावत करते हैं, पहले ये गुजरात फिर गुवाहाटी पहुंच जाते और इसी के बाद से अखबारों में सरकार गिरने की खबर आने लगी कुछ समय बाद इन भागे विधायकों को BJP का समर्थन भी मिल गया, इस बगावत के लिए कई कारण दिए जा सकते हैं। सबसे बड़ी समस्या इस गठबंधन की नींव में थी, यानी कि कांग्रेस और शिवसेना जैसी पार्टियों का एक साथ आना, पिछले ढाई सालों में दोनों ही पार्टी के लीडर कभी एक साथ नहीं दिखाई दिए।

इसके अलावा इन दोनों पार्टियों के बीच काफी गहरा Ideological Difference था, राहुल गांधी जहां एक ओर सावरकर को Critics करते थे, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र से आने वाले सावरकर शिवसैनिकों के लिए पूजनीय थे, 370 के मुद्दे पर शिवसेना का BJP के साथ थे, जबकि कांग्रेस केन्द्र को अभी तक इस मुद्दे पर घेरती रही, इसी तरह कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर दोनों ही पार्टियों में टेंशन बनी रही, शिवसैनिकों के लिए विपक्ष के नेता नरेन्द्र मोदी से कभी असहमति नही रखी। एक तरह से शिवसैनिक कन्फ्यूजन में थे, BJP ने भी इसका फायदा उठाया, कई मौकों पर हिंदुत्व के नाम पर पार्टी को ललकारने का काम किया, कभी मंदिर तोड़ने की बात तो कभी नवनीत राणा की गिरफ्तारी तो कभी आरे जंगल में मेट्रो शेड बनाने की बात हो BJP शिवसेना को घेरती रही।

इसके अलावा उद्धव ठाकरे एक अच्छे संगठन मंत्री तो माने गए लेकिन एक CM के तौर पर वे खरे नहीं उतरे, उद्धव ठाकरे अपने ही विधायकों से मिलने के लिए समय भी नहीं निकालते थे, उन्हें घंटों इंतजार करना होता था, जिसमें एकनाथ शिंदे जैसे नेता भी शामिल थे। इन सभी कारणों के चलते पार्टी बिखर गई।

इस सभी के बाद एकनाथ शिंदे असहमति रखने वाले दो दर्जन से भी अधिक विधायकों को लेकर निकल गए, पहले सुरत फिर गुवाहाटी फिर गोवा घुमते रहें, बागी विधायकों ने एक चिट्ठी जारी कर CM उद्धव ठाकरे से अपनी असहमतियां भी बताई। इसी के साथ बागी विधायक दावा करने लगे कि हम असली शिवसैनिक है जो बाला साहेब के बनाए रास्ते पर चलेंगे, धीरे- धीरे और भी विधायक शिंदे ग्रुप से जा मिले, 28 जून आते आते BJP के नेता और पूर्व CM देवेन्द्र फडणवीस का समर्थन भी इन विधायकों को मिला।

29 जून के दिन सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने के लिए आदेश दिए और इसी के बाद 29 जून को उद्धव ठाकरे फेसबुक पर लाइव आकर अपनी सरकार के काम गिनाते है और CM पद से इस्तीफा दे देते हैं। यहां फ्लोर टेस्ट शब्द बार बार इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल बहुमत जानने के लिए किया जाता है। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस का पुराना ट्वीट मैं समंदर हूँ लौट कर आऊंगा’ चलने लगा।

इस्तीफे के आते ही सभी यही मान रहे थे कि नये मुख्यमंत्री के तौर पर BJP के देवेन्द्र फडणवीस ही सामने आयेंगे, वे पहले भी CM रह चुके थे, लेकिन 30 जून की शाम को साझा प्रेस कांन्फेन्स कर ऐलान किया जाता हैं कि महाराष्ट्र के नये CM देवेन्द्र फडणवीस नही बल्कि शिवसेना के एकनाथ सिंधे बनेगें, साथ ही इसी प्रेस कांन्फेन्स में देवेन्द्र फडणवीस किसी भी मंत्री पद तक में शामिल नहीं होते हैं, सरकार से बाहर रहकर सरकार को समर्थन देने की बात करते हैं, इस खबर के आते ही शाम होते होते, गृह मंत्री अमित शाह का ट्वीट आता है जिसमें वे देवेन्द्र फडणवीस को डिप्टी CM का पग सम्भालने को कहत हैं, जिसके बाद अंत में देवेन्द्र फडणवीस आखिर में डिप्टी CM का पद सम्भाल ही लेते हैं, यानी कुछ तो गड़बड़ हैं, कुछ ऐसी ही ट्रेजडी उनके साथ 2019 में भी हुई थी,

2019 के चुनाव रिजल्ट के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने NCP के साथ मिलकर मुख्यमंत्री की शपथ तक ले ली थी क्योकि उनके शिवसेना से मतभेद चल रहे थे, जैसा हमने वीडियो के स्टार्टिंग में बताया था, लेकिन अंत में शरद पवार NCP के विधायकों को वापस बुलाकर शिवसेना, NCP और कांग्रेस का गठबंधन कराकर सारा खेला बिगाड़ देते हैं इसी के बाद मेजोरिटी न होने के कारण देवेन्द्र फडणवीस को CM पद से इस्तीफा देना पड़ जाता हैं।

और अब 2022 में वे डिप्टी CM के पद के रूप में वापस आए, एक पद नीते, अब लगभग दो गुने विधायकों वाली पार्टी का मंत्री डिप्टी CM और कम विधायक वाली पार्टी का मंत्री सीधा CM, ये तो वक्त ही बताएगा की आगे क्या होगा ? बताया जा रहा अब शिवसेना के बागी विधायकों का कुछ समय बाद BJP में विलय हो सकता है। फिर महाराष्ट्र में NCP और कांग्रेस जैसी पार्टियां ही रह जाएगी।

NCP के नेता शरद पवार ने भी इस पर चुटकी ली कि “देवेन्द्र खुश नहीं दिख रहें”, इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोगों ने महाराष्ट्र में कांग्रेस की हालत पर meme बनाने लगें।  प्रधानमंत्री ने भी देवेन्द्र फडणवीस की तारीफ की, अब महाराष्ट्र की गद्दी पर, थाने की सड़कों पर कभी आटो चलाने वाले एकनाथ शिंदे बैठेंगे लोग उनकी तुलना कभी चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री से भी कर रहें हैं।
एकनाथ शिवसेना से आने वाले चौथे और Maharashtra politics के पद पर बैठने वाले 20वें मुख्यमंत्री बने हैं।  देखना होगा महाराष्ट्र के दो पूर्व CM देवेन्द्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे का राजनीतिक भविष्य क्या होगा और ठाकरे परिवार की विरासत का क्या होगा जिसने महाराष्ट्र की राजनीति में हमेशा किंगमेकर की भूमिका निभाई हैं। बाला साहेब की शिवसेना का क्या होगा क्या उसके दो टुकड़े होंगे या फिर बागी विधायक BJP में जा मिलेगें।