
किसान संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में 29 मई को ग्रेटर नोएडा के कलेक्ट्रेट परिसर में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। यह पंचायत 10% आबादी प्लाट, सर्किल रेट में बढ़ोतरी, आबादियों के निस्तारण, भूमिहीन परिवारों को वेंडिंग ज़ोन में दुकान आवंटन, एवं एनटीपीसी प्रभावित किसानों की समस्याओं के स्थायी समाधान की माँग को लेकर की जा रही है।
दिसंबर–जनवरी में किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा किए गए आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा औद्योगिक प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। इस समिति को किसानों की माँगों — विशेषकर आबादियों के निस्तारण, दुकानों के आरक्षण, और सर्किल रेट संशोधन पर निर्णय लेकर उन्हें लागू करना था। लेकिन आज तक समिति कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है और मुख्यमंत्री द्वारा तय समय सीमा को भी कई माह बीत चुके हैं।
प्रशासन की उदासीनता और वादाखिलाफी पर
किसान संघर्ष मोर्चा के नेता श्री सुखबीर खलीफा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का वादा किया था, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संघर्ष मोर्चा के नेता श्री सोरन प्रधान ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी बार-बार झूठे आश्वासन देते हैं लेकिन समस्याओं का कोई हल नहीं करते जिससे किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि, “प्रशासन यह मान चुका है कि किसानों का आंदोलन दब गया है, इसलिए अब समस्याओं का समाधान करने की कोई ज़रूरत नहीं समझता। सरकार और प्रशासन सिर्फ निवेशकों की चिंता करता है जबकि किसानों के सर्किल रेट पिछले 11 वर्षों से नहीं बढ़ाए गए हैं। हर माह आश्वासन देने वाले जिलाधिकारी भी अपने वादों पर खरे नहीं उतरते। ज़मीनों में खुली लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।”
फैसले की घड़ी – आंदोलन होगा निर्णायक
किसान संघर्ष मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि 29 मई की महापंचायत से आंदोलन की अगली निर्णायक श्रृंखला की शुरुआत होगी। जब तक किसानों की सभी माँगों को पूरा नहीं किया जाता, संघर्ष जारी रहेगा। विशेषकर 10% प्लाट आबादी मुद्दे से जुड़े ढाई लाख से अधिक किसान, जो लंबे समय से न्याय की प्रतीक्षा में हैं, अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि, “29 मई को होने वाली महापंचायत में आगे की रणनीति का ऐलान भी वहीं किया जाएगा।”