सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर। समस्तीपुर पूसा डा राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि के संचार केंद्र में मछलियों की बीमारी के निदान एवं आधुनिक तकनीक विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ.एमएस कुंडू ने कहा कि मछली उत्पादन के क्षेत्र में मधुबनी जिला में सबसे अधिक उत्पादन हो रहा है। जबकि सबसे अंतिम पायदान पर बिहार के जहानाबाद जिला है। मछली उत्पादन के क्षेत्र में देश सहित खासकर राज्यों की बात करें तो बिहार काफी तेजी से बढ़ रहा है। मछली तालाबों के अंदर तनाव में रहती है तो सामान्यरूप से देखा जा रहा है कि उत्पादन दर में भारी गिरावट दर्ज होती है। जिससे लागत दर में वृद्धि हो जाती है। मत्स्यपालकों की आमदनी घट जाती है। इसके साथ ही इसके उत्पादन, बिमारी, रखरखाव, भंडारण व मार्केटिंग के क्षेत्र में नई चुनौतियां भी लगातार सामने आ रही हैै। जरूरत है इसके तकनीकी ज्ञान लेकर स्वयं के साथ अन्य मछली पालको के बीच इसे प्रसारित करने की। जिससे देश स्तर पर आर्थिक समृद्धि में वे भी भागीदारी बढ़ा सके। प्रतिभागियों के रूप में राज्य के पांच जिलो से आये किसान सहित बीटीएम-एटीएम प्रशिक्षुओ प्रशिक्षण सत्र में भाग ले रहे है। मत्स्यकी महाविद्यालय, ढ़ोली के सहायक प्राध्यापक डाॅ.आरके ब्रहमचारी ने कहा कि राज्य में मांग के अनुरूप मछली की उत्पादकता में काफी बढ़ोतरी हुई है। जरूरत है इसे और गति देने के साथ उसकी समस्याओं व मार्केटिंग चेन को और सशक्त करने की। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मछली पालन व इससे जुड़े कार्यो को लेकर कई योजनाएं चला रही है। इसका लाभ लेने की जरूरत है। इसमें विवि हरसंभव सहयोग को लेकर प्रयासरत है। संचालन करते हुए उपनिदेशक प्रसार डाॅ.अनुपमा कुमारी ने कहा कि मछली की बिमारियों से उसकी उत्पादकता भी प्रभावित होती है। जिससे मछली उत्पादको को उसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। समारोह की शुरूआत विवि कुलगीत व दीप प्रज्जवलित कर की गई। मौके पर सूरज कुमार सहित सभी कर्मी मौजूद थे।