नगीना से चंद्रशेखर, बिजनौर में बीएसपी-बीजेपी, मुजफ्फरनगर में सपा-बीजेपी, कैराना में सपा-बीजेपी, सहारनपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर में त्रिकोणीय है मुकाबला
चरण सिंह
नई दिल्ली। पहले चरण में 102 सीटों पर होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है। 19 तारीख को मतदान है और 4 जून को प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला होगा। वैसे तो 19 तारीख को 102 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में बंद हो जाएगा पर उत्तर प्रदेश में होने जा रहे 8 सीटों पर यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में ऐसा माना जाता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी की ओर मतदाताओं का रुझान हो जाता है उसी ओर लोकसभा चुनाव हो लेता है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही देखने को मिला। बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बढ़त बनाई और प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। इन आठ सीटों में से 7 सीटें नगीना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, कैराना, सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं। इन सातों सीटों के साथ पीलीभीत समेत उत्तर प्रदेश में आठ सीटों पर 19 तारीख को चुनाव होना है।
सहारनपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी से राघव लखनपाल शर्मा, कांग्रेस से इमरान मसूद, बीएसपी से माजिद अली चुनावी मैदान में हैं। इस लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। ऐसे ही मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर सपा से हरेंद्र मलिक, बीजेपी से संजीव बालियान, बीएसपी से दारा सिंह प्रजापति चुनावी मैदान में हैं। हरेंद्र मलिक को किसान नेताओं और राजपूत समाज के समर्थन मिलने से उनकी स्थिति मुजफ्फरनगर में मजबूत मानी जा रही है। इस बार मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी के सांसद संजीव बालियान को हार का सामना करना पड़ सकता है।
संजीव बालियान की चुनावी सभा में जब संगीत सोम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठे थे तो संगीत सोम जिंदाबाद और संजीव बालियान मुर्दाबाद के नारे लगे थे। राजपूत समाज इस बार मुजफ्फरनगर से संगीत सोम को सांसद का टिकट चाह रहा था।
ऐसे ही कैराना से सपा ने इकरा चौधरी, बीजेपी ने प्रदीप चौधरी और बीएसपी ने श्रीपाल चुनावी मैदान में उतारा है। कैराना से इकरा चौधरी और प्रदीप चौधरी के बीच टक्कर मानी जा रही है। इकरा चौधरी की शालीनता और राजपूत समाज के प्रदीप चौधरी के विरोध और इकरा चौधरी के समर्थन के बाद इकरा की स्थिति कैराना सीट पर मजबूत मानी जा रही है।
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी से सर्वेश सिंह और सपा से रुचि वीरा और बीएसपी से मो. इरफान चुनावी मैदान में हैं। मुरादाबाद में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। सर्वेश सिंह को सवर्णों के साथ ही पिछड़ों का वोट भी मिलने की उम्मीद है। सपा सांसद एसटी हसन का टिकट कटने की वजह से रुचि वीरा को मुस्लिम समाज झटका दे सकता है। रुचि वीरा का माइनस प्वाइंट यह है कि उनको सीटिंग एमपी एसटी हसन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि आजम खां के दबाव में अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को टिकट दिया है। अखिलेश यादव तो नामांकन के अंतिम समय तक एसटी हसन को टिकट देना चाहते थे। ऐसे ही रामपुर लोकसभा सीट से सपा ने मोहिबुल्लाह नदवी, बीजेपी से घनश्याम लोधी और बीएसपी से जीशान खान चुनाव लड़ रहे हैं। सपा के दिग्गज नेता आजम खां जो जेल में बंद हैं वह नहीं चाहते थे कि मोहिबुल्लाह नदवी को टिकट नहीं दिलवाना चाहते थे। रामपुर में भी मुकाबला चतुष्कोणीय माना जा रहा है।
पीलीभीत से बीजेपी ने सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को दिया है। सपा से भगवत शरण गंगवार और बीएसपी से अनीश चुनाव लड़ रहे हैं। पीलीभीत पर जितिन प्रसाद को अंदरखाने वरुण गांधी के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। वरुण गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भी नहीं गये थे। अभी भी वरुण गांधी की कांग्रेस से चुनाव लड़ने की अटकलें चल रही हैं। वरुण गांधी या तो अमेठी या फिर राय बरेली से चुनाव लड़ सकते हैं।