देहरादून। उत्तराखंड में मतदान खत्म होते ही सिडकुल स्थित इंटररार्क कंपनी ने लॉकआउट का नोटिस चस्पा कर रातों रात मशीनों को दूसरे प्लांट में भेजना शुरू कर दिया। शनिवार की रात मशीनों से भरे ट्रकों को कंपनी गेट से बाहर भेजने की खबर लेने के बाद वर्करों ने कंपनी गेट पर दिन रात धरना शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार शनिवार, 19 फरवरी को सिडकुल पंतनगर इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोड्क्टस प्राईवेट लिमिटेड प्रबंधन द्वारा रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए कंपनी से करीब 4 दर्जन मशीनों को चोरी से कंपनी से बाहर ले जाने की साजिश को कंपनी के करीब 500 मजदूरों ने रात में ही पकड़ लिया।
रात से मज़दूर गेट पर धरना देना शुरू कर दिया है। इसके विरोध में 20 फरवरी को कंपनी गेट पर मजदूरों की सभा हुई और मैनेजमेंट के प्रयासों की निंदा की गई।
यूनियन नेताओं ने बताया है कि करीब 5 गाड़ी कच्चा माल अचानक से कंपनी से बाहर गैरकानूनी तरीके से बाहर भेजा गया। एक गाड़ी चालक आशीष कुमार गाड़ी संख्या NL 01-L5819 कंपनी के बाहर 15 फरवरी से कच्चे माल से भरी गाड़ी को खड़ी किये है। परन्तु कंपनी प्रबंधन उक्त चालक पर माल को गैरकानूनी तरीके से किच्छा प्लांट ले जाने को कह रहा है।
चालक का कहना है कि वो फर्जी बिल से कच्चे माल को बाहर नहीं ले जायेगा। उसे पक्का बिल दिया जाए वरना सेल्स टैक्स वाले उस पर इस गैरकानूनी व दो नम्बरी काम करने पर मुकदमा दर्ज कर देंगे और दस लाख तक का भारी जुर्माना लगा देंगे , विगत में कई बार ऐसा हो चुका है।
दलजीत का कहना है कि अभी भी वह गाड़ी कंपनी के बाहर खड़ी है। इसी तरह से 18 फरवरी को प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर नोटिस चस्पा कर धमकी दी थी कि एक माह बाद कंपनी बन्द कर दी जाएगी। उक्त घटनाओं से मजदूरों की यूनियन को दोपहर में ही शक हो गया था कि राज प्रबंधन बड़ी वारदात को अंजाम देगा। इसलिए यूनियन ने अपने सदस्यों को पहले से ही सावधान कर दिया था। दलजीत के अनुसार, जब बी शिफ्ट की छुट्टी हुई तो उसके तुरंत बाद ही मेंटेनेंस मैनेजर ने ठेके के बाहरी मजदूरों को नाइट में कंपनी बुलाया, इसकी भनक यूनियन के सदस्यों को लग गई। मशीनों को बाहर शिफ्ट करने की प्रबंधक की साजिश को भांपते हुए सभी यूनियन के सदस्य कंपनी गेट पर पहुंच गए और पूरी रात कंपनी गेट पर पहरा देकर प्रबंधक की इस साजिश को नाकामयाब बना दिया। यूनियन की शिकायत पर सिडकुल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के आग्रह पर यूनियन ने सिडकुल पुलिस चौकी में रात को ही तहरीर दी। यूनियन का कहना है कि अब देखना यह है कि पुलिस इस दो नम्बरी काले कारनामों को कर सेल टेक्स विभाग को चूना लगाने वाले कंपनी मालिक व प्रबंधन के विरुद्ध क्या कार्यवाही करती है। यूनियन अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना था कि प्रबंधक द्वारा 30 -40 वेल्डिंग मशीनों, लेथ मशीन,सैकरोड मशीन, सरफेस ग्राइंडर व छोटी अन्य कई मशीनों को कैंटर में लोडिंग कर बाहर भेजने की साजिश की जा रही थी। उन्हें गाड़ियों में लोड भी किया जा चुका था, यूनियन की अपील पर तुरंत ही सैकड़ों मजदूर कंपनी गेट पर पहुंच गए और प्रबंधन के उक्त काले कारनामों पर पानी फिर गया। स्थिति को भांपते हुए और काले कारनामों पर पर्दा डालते हुए सभी लोड मशीनों को गाड़ियों से उतार दिया। इनके काले कारनामों को उजागर करते हुए संबंधित वीडियो फेसबुक आदि पर भी शेयर किए हैं।
यूनियन महामंत्री सौरभ कुमार का कहना था कि कंपनी प्रबंधन बाहर से माल पंतनगर प्लांट के नाम से बने बिलों पर ही लाते हैं। फिर सेल्स टैक्स बचाने की नीयत से उन्हें फर्जी बिलों पर चोरी से गाजियाबाद और किच्छा प्लांट भेजा जाता है। सौरभ के अनुसार, कंपनी मालिक गैरकानूनी तरीके से कच्चे माल व मशीनों को दो नम्बरी तरीके से कंपनी से बाहर भेजकर कंपनी को बंद कर कंपनी में कार्यरत करीब 1000 मजदूरों को नौकरी से निकालने की साजिश रच रहे हैं। यूनियन द्वारा पूर्व में ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व श्रम विभाग को इसकी शिकायत की जा चुकी है किंतु श्रम विभाग व जिला प्रशासन की ओर से कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही न करना चिंताजनक है। कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार यूनियन के सदस्यों को द्वेष भावना के तहत प्रताड़ित कर रहा है।
यूनियन ने बयान जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करें वरना मज़दूर तीव्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। (वर्कर्स यूनिटी साभार)
जानकारी के अनुसार शनिवार, 19 फरवरी को सिडकुल पंतनगर इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोड्क्टस प्राईवेट लिमिटेड प्रबंधन द्वारा रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए कंपनी से करीब 4 दर्जन मशीनों को चोरी से कंपनी से बाहर ले जाने की साजिश को कंपनी के करीब 500 मजदूरों ने रात में ही पकड़ लिया।
रात से मज़दूर गेट पर धरना देना शुरू कर दिया है। इसके विरोध में 20 फरवरी को कंपनी गेट पर मजदूरों की सभा हुई और मैनेजमेंट के प्रयासों की निंदा की गई।
यूनियन नेताओं ने बताया है कि करीब 5 गाड़ी कच्चा माल अचानक से कंपनी से बाहर गैरकानूनी तरीके से बाहर भेजा गया। एक गाड़ी चालक आशीष कुमार गाड़ी संख्या NL 01-L5819 कंपनी के बाहर 15 फरवरी से कच्चे माल से भरी गाड़ी को खड़ी किये है। परन्तु कंपनी प्रबंधन उक्त चालक पर माल को गैरकानूनी तरीके से किच्छा प्लांट ले जाने को कह रहा है।
चालक का कहना है कि वो फर्जी बिल से कच्चे माल को बाहर नहीं ले जायेगा। उसे पक्का बिल दिया जाए वरना सेल्स टैक्स वाले उस पर इस गैरकानूनी व दो नम्बरी काम करने पर मुकदमा दर्ज कर देंगे और दस लाख तक का भारी जुर्माना लगा देंगे , विगत में कई बार ऐसा हो चुका है।
दलजीत का कहना है कि अभी भी वह गाड़ी कंपनी के बाहर खड़ी है। इसी तरह से 18 फरवरी को प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर नोटिस चस्पा कर धमकी दी थी कि एक माह बाद कंपनी बन्द कर दी जाएगी। उक्त घटनाओं से मजदूरों की यूनियन को दोपहर में ही शक हो गया था कि राज प्रबंधन बड़ी वारदात को अंजाम देगा। इसलिए यूनियन ने अपने सदस्यों को पहले से ही सावधान कर दिया था। दलजीत के अनुसार, जब बी शिफ्ट की छुट्टी हुई तो उसके तुरंत बाद ही मेंटेनेंस मैनेजर ने ठेके के बाहरी मजदूरों को नाइट में कंपनी बुलाया, इसकी भनक यूनियन के सदस्यों को लग गई। मशीनों को बाहर शिफ्ट करने की प्रबंधक की साजिश को भांपते हुए सभी यूनियन के सदस्य कंपनी गेट पर पहुंच गए और पूरी रात कंपनी गेट पर पहरा देकर प्रबंधक की इस साजिश को नाकामयाब बना दिया। यूनियन की शिकायत पर सिडकुल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के आग्रह पर यूनियन ने सिडकुल पुलिस चौकी में रात को ही तहरीर दी। यूनियन का कहना है कि अब देखना यह है कि पुलिस इस दो नम्बरी काले कारनामों को कर सेल टेक्स विभाग को चूना लगाने वाले कंपनी मालिक व प्रबंधन के विरुद्ध क्या कार्यवाही करती है। यूनियन अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना था कि प्रबंधक द्वारा 30 -40 वेल्डिंग मशीनों, लेथ मशीन,सैकरोड मशीन, सरफेस ग्राइंडर व छोटी अन्य कई मशीनों को कैंटर में लोडिंग कर बाहर भेजने की साजिश की जा रही थी। उन्हें गाड़ियों में लोड भी किया जा चुका था, यूनियन की अपील पर तुरंत ही सैकड़ों मजदूर कंपनी गेट पर पहुंच गए और प्रबंधन के उक्त काले कारनामों पर पानी फिर गया। स्थिति को भांपते हुए और काले कारनामों पर पर्दा डालते हुए सभी लोड मशीनों को गाड़ियों से उतार दिया। इनके काले कारनामों को उजागर करते हुए संबंधित वीडियो फेसबुक आदि पर भी शेयर किए हैं।
यूनियन महामंत्री सौरभ कुमार का कहना था कि कंपनी प्रबंधन बाहर से माल पंतनगर प्लांट के नाम से बने बिलों पर ही लाते हैं। फिर सेल्स टैक्स बचाने की नीयत से उन्हें फर्जी बिलों पर चोरी से गाजियाबाद और किच्छा प्लांट भेजा जाता है। सौरभ के अनुसार, कंपनी मालिक गैरकानूनी तरीके से कच्चे माल व मशीनों को दो नम्बरी तरीके से कंपनी से बाहर भेजकर कंपनी को बंद कर कंपनी में कार्यरत करीब 1000 मजदूरों को नौकरी से निकालने की साजिश रच रहे हैं। यूनियन द्वारा पूर्व में ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व श्रम विभाग को इसकी शिकायत की जा चुकी है किंतु श्रम विभाग व जिला प्रशासन की ओर से कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही न करना चिंताजनक है। कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार यूनियन के सदस्यों को द्वेष भावना के तहत प्रताड़ित कर रहा है।
यूनियन ने बयान जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करें वरना मज़दूर तीव्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। (वर्कर्स यूनिटी साभार)