पटना। बिहार में जहरीली शराब कांड के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा है कि एक समय उनके घर में शराब बनाई और बेची जाती थी। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद विपक्ष नीतीश कुमार सरकार पर लगातार हमला कर रहा है, वहीं मांझी के इस बयान ने मामले को और तूल दे दिया है।
जीतन राम मांझी ने कहा, “कभी हमारे घर में शराब बनती और बेची जाती थी, लेकिन मैंने कभी इसे हाथ नहीं लगाया।” उन्होंने शराबबंदी के बावजूद हो रही शराब की तस्करी पर चिंता जताई और इसे शिक्षा की कमी और जागरूकता का अभाव बताया। उन्होंने कहा कि गलत शराब बनाने वाले लोग आज भी मौत का खेल खेल रहे हैं, जिससे कई लोगों की जान जा रही है।
सरकार की त्वरित कार्रवाई और मुआवजे की घोषणा:
मांझी ने कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद बिहार सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार कर रही है और इस पूरे मामले में पहले से ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है।
पीके और चुनावी राजनीति पर टिप्पणी:
शराबबंदी पर पूछे गए सवाल पर मांझी ने प्रशांत किशोर को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पीके राजनीतिक अखाड़े में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं और आगामी उपचुनाव में उनकी स्थिति साफ हो जाएगी।
गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा का समर्थन:
मांझी ने बीजेपी नेता गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा का समर्थन करते हुए कहा कि भारत में सभी को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार की स्वतंत्रता है। उन्होंने ईसाई, मुस्लिम और बौद्ध धर्मों के लोगों पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदू धर्म के प्रचार में कोई गलत बात नहीं है।
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है, और मांझी का खुलासा आने वाले दिनों में और विवादों का केंद्र बन सकता है।