‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह जय भीम फिल्म के टैक्स फ्री न करने को लेकर लिख दी पोस्ट तो मंदिर की “चौखट पर नाक रगड़ने” को कर दिया मजबूर

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एक दलित युवक ने अपने पोस्ट में पूछा था कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्में टैक्स फ्री की जा रही हैं तो जय भीम जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया जाता है।”

 

द न्यूज 15 
जयपुर। कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार को लेकर बनाई गई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर भाजपा की इतनी दिलचस्पी लेना ऐसे ही सवाल बना नहीं है। देश-दुनिया में हो रही तारीफ के बीच कुछ लोग इस पर ऐसे ही सवाल नहीं उठा रहे हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे ही सवाल-जवाब के बीच विवाद भी खड़ा हो जा रहा है। स्थिति यह है कि लोग मारपीट और हिंसा पर भी उतारू हो जा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अलवर जिले में देखने को मिला है। इस फिल्म को लेकर पोस्ट करना एक दलित युवक को भारी पद गया। 32 वर्षीय इस दलित युवक की चौखट पर नाक रगड़ने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले को लेकर ग्यारह लोगों को अभियुक्त बनाकर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया  जा रहा है कि फेसबुक पर इस फिल्म को लेकर कमेंट के बाद जवाब पर यह विवाद हुआ है। 32 वर्षीय राजेश कुमार मेघवाल ने बताया है कि घटना की शुरुआत 18 मार्च को दि कश्मीर फाइल्स से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट अपलोड करने के बाद हुई है। उन्होंने कहा कि “मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा था और एक पोस्ट अपलोड किया था, जिसमें कहा गया था कि फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार दिखाया गया है और उसे टैक्स फ्री किया जा रहा है। यह ठीक है, लेकिन दलितों और अन्य समुदायों पर अत्याचार भी होते हैं। जय भीम जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया जाता?” गोकलपुर गांव निवासी मेघवाल ने एक अख़बार को बताया कि  कुछ लोगों ने उनके फेसबुक पोस्ट पर धार्मिक नारे लगाने शुरू कर दिए। बाद में मेघवाल ने कहा कि उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं और उन पर माफी मांगने का दबाव बनाया जाने लगा।
मेघवाल का आरोप है कि “ग्रामीणों और एक पूर्व सरपंच ने उन पर गांव के मंदिर में माफी मांगने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने उनको भरोसा दिलाया था कि उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया गया। उनकी इच्छा के खिलाफ मंदिर के चबूतरे पर उनको नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया ।”
घटना के बाद मेघवाल की शिकायत के आधार पर बहरोड़ थाने में धारा 143 (गैरकानूनी रूप से जमा होने की सजा), 342 (गलत तरीके से रोकने की सजा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 504 (इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शांति भंग को भड़काने के लिए) और आईपीसी की 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और एससी / एसटी (अत्याचार निवारण अधिनियम) की संबंधित धाराओं और 11 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। मेघवाल ने कहा है कि, “वह प्राथमिकी के बाद काफी दबाव में हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। ” बहरोड़ अंचल अधिकारी राव आनंद ने कहा, ‘हमने नामजद 11 आरोपियों में से सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में से अजय कुमार शर्मा, संजीत कुमार, हेमंत शर्मा, परविंद्र कुमार, रामोतर, नितिन जांगिड़ और दयाराम हैं। आगे की जांच की जा रही है।”
इस बीच राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बुधवार को कहा कि कोटा जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है और ट्वीट किया है कि द कश्मीर फाइल्स या सिनेमा हॉल में प्रदर्शित होने वाली किसी अन्य फिल्म पर धारा 144 लागू नहीं होगी। जोशी ने कहा कि ‘भ्रम’ दूर हो गया है और त्योहारों पर भी शांतिपूर्ण आयोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
इससे पहले 21 मार्च को कोटा जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू करने वाले एक आदेश में कहा था कि: “सिनेमा हॉल में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को देखते हुए और जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, भीड़, विरोध, सभाओं और जुलूसों का जमावड़ा रोकने की जरूरत है।” इस मुद्दे पर मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में भी हंगामा हुआ था।

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