
जम्मू-कश्मीर। उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने आतंकवाद से संबंधित होने के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने का बड़ा कदम उठाया है। यह कार्रवाई भारत के संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत की गई, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर बिना औपचारिक जांच के बर्खास्तगी की अनुमति देता है। इन कर्मचारियों पर लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के लिए काम करने, उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने और आतंकी गतिविधियों में सहायता करने का आरोप है।
बर्खास्त किए गए कर्मचारी हैं:
मलिक इशफाक नसीर – पुलिस कांस्टेबल
एजाज अहमद – शिक्षक
वसीम अहमद खान – (पद का विवरण स्पष्ट नहीं, लेकिन सरकारी कर्मचारी के रूप में पुष्टि)
ये तीनों वर्तमान में जेल में हैं। यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और इसके समर्थन नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में उपराज्यपाल की कठोर नीति का हिस्सा है। LG सिन्हा ने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात दोहराई है और क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समन्वित प्रयासों का निर्देश दिया है।
यह कार्रवाई हाल के दिनों में क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर उठाई गई है, जिससे सरकार का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख स्पष्ट होता है।
ये तीनों वर्तमान में जेल में हैं। यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और इसके समर्थन नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में उपराज्यपाल की कठोर नीति का हिस्सा है। LG सिन्हा ने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात दोहराई है और क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समन्वित प्रयासों का निर्देश दिया है।
यह कार्रवाई हाल के दिनों में क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर उठाई गई है, जिससे सरकार का आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख स्पष्ट होता है।