दीपक कुमार तिवारी
पटना। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब पूरी तरह से राजनीतिक हमलावर के अंदाज में आ गए हैं। कहने को वो भले आभार यात्रा कर रहे हैं पर राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का खेल तेजस्वी यादव के अंतर्मन में इतना समा गया है कि उनकी यात्रा मानों उलाहना यात्रा में तब्दील हो गई है। इस उलाहने के लिए नेता प्रतिपक्ष के हृदय में दो ही चेहरे घर कर गए हैं। इनमें एक चेहरा तो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है जबकि दूसरा बड़ा चेहरा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रूप रेखा तैयार कर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने काफी आक्रमक रूप अख्तियार कर लिया है। परंतु इस आक्रात्मकता में तहजीब कहीं न कहीं पीछे छूट जा रही है। नतीजा ये कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हुए तेजस्वी यादव ने क्या कुछ नहीं कह डाला। मुजफ्फरपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते तेजस्वी यादव का गुस्सा फूटा। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अंधा, बहरा और गूंगा तक कह डाला। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को अब कुछ दिखाई नहीं देता है, दिखता भी है तो बोलते नहीं। राज्य में लॉ एंड ऑर्डर एक बड़ी समस्या बन गई है। यहां अपराध बढ़ चुका है। अपराधी के मन में पुलिस का डर नहीं रह गया है। इन घटनाओं पर लगाम लगाने की जरूरत है। पुलिस शराब वसूली के पीछे पागल है। पूरे बिहार में यही हाल है। डबल इंजर की सरकार में भी कोई पीड़ित परिवारों को पूछने वाला नहीं है।
उलाहना देने वाले तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि ‘पीएम मोदी बिहार के सबसे बड़े दुश्मन हैं। चुनाव आने के समय वे सिर्फ वादा कर देते हैं, मगर पूरा नहीं करते। न जाने कब उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन मिला सिर्फ स्पेशल पैकेज। पीएम मोदी जातीय जनगणना पर भी कुंडली मार कर बैठे हैं।’
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधि व्यवस्था की खराब स्थिति पर तो आक्रामक थे ही, उन्होंने बढ़ते अपराध पर ज्ञापन भी सौंपा। अब उनके हमले का कोण नीति आयोग के आंकड़े बन गए हैं। इन आंकड़ों को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोलते तेजस्वी ने कहा कि ’15 वर्षों से अधिक बिहार में एनडीए की सरकार है। इसके बावजूद बिहार महंगाई में सबसे टॉप पर है। देश में सबसे अधिक गरीबी बिहार में है। यह हाल तब है जब बिहार में एनडीए की सरकार 15 सालों से ज्यादा है। दस वर्षों से केंद्र में इनकी डबल इंजन सरकार है। बावजूद महंगाई के मामले में देश भर में बिहार सबसे टॉप पर हैं। आखिर बिहार में रिकॉर्डतोड़ महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, अपराध के लिए जिम्मेदार कौन है? आखिर कब तक नीतीश कुमार अपनी सत्तालोलुप्ता, स्वार्थपूर्ति और अनैतिक पलटा-पलटी का शिकार बिहार को बनाते रहेंगे?’