लक्षद्वीप बनाम मालदीव, किसमें कितना दम, पीएम मोदी की तस्‍वीरें देख ‘टूट’ पड़ी जनता, चीन समर्थक मुइज्जू को झटका

0
113
Spread the love

Lakshadweep and Maldives : मालदीव छुट्टियां मनाने और घूमने के लिहाज से दुनिया की सबसे पसंदीदा जगहों में गिना जाता है। इसकी वजह इस देश की सुंदरता और समुद्र से घिरा होना है। भारत से लाखों की संख्या में लोग घूमने के लिए मालदीव जाते हैं, जिसमें कई नामचीन सेलीब्रिटी भी शामिल हैं। पर्यटन के जरिए मालदीव की अर्थव्यवस्था को भी काफी ज्यादा फायदा पहुंचता है। मालदीव में पर्यटन कम होगा तो इसका सीधा असर देश की आर्थिक स्थिति पर होगा।

माले/नई दिल्ली। इस समय ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में लक्षद्वीप की चर्चा हो रही है। दरअसल हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री इस खूबसूरत जगह पर पहुंचे थे, यहां से उन्होंने अपनी तस्वीरें शेयर की हैं तो ये सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं। प्रधानमंत्री मोदी का लक्षद्वीप दौरा मालदीव के लिए भी एक संदेश माना जा रहा है। भारत से बेरुखी और चीन के बार-बार प्यार दिखा रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नरेंद्र मोदी ने झटका देने की कोशिश की है। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर मोदी का ये दौरा मालदीव के लिए परेशानी जरूर खड़ी कर सकता है।

 

नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप से अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए ये बताने की कोशिश की है कि कैसे ये दुनिया के सबसे खूबसूरत बीच में से एक है। साथ ही उन्होंने यहां की जाने वाली रोमांचकारी और मनोरंजक एक्टिविटी को भी बताया है। उन्होंने भारतीयों से लक्षद्वीप घूमने की अपील करते हुए कहा कि जो लोग रोमांच को पसंद करते हैं, उनके लिए लक्षद्वीप टॉप लिस्ट में होना चाहिए। पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद लक्षद्वीप के साथ-साथ की भी चर्चा होने लगी है। लोग जिस तरह से लक्षद्वीप का रुख करने की बात कह रहे हैं, उससे सवाल उठने लगा है कि अब मालदीव का क्या होगा।

 

क्या मोदी ने दिया ‘मालदीव नहीं लक्षद्वीप आओ’ का संदेश?

मालदीव भारतीयों के छुट्टी बिताने के लिए पसंदीदा स्थान रहा है। भारत के फिल्मी सितारों से लेकर कारोबारी और नौकरीपेशा लोग भी मालदीव जाते रहे हैं। मालदीव के समुद्र तट भारतीयों को काफी भाते हैं। नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप पहुंचकर एक तरह से लोगों से सवाल किया है कि मालदीव ही क्यों लक्षद्वीप क्यों नहीं, जहां कम समय और खर्च में उसी तसरह का आनंद आप ले सकते हैं। लक्षद्वीप के शानदार समुद्र तट बड़े स्तर पर पर्यटक संभावनाओं की ओर इशारा करते हैं। लक्षद्वीप भी प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के मामले में मालदीव को टक्कर देता है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने सबमरीन केबल का भी उद्घाटन किया है जो निर्बाध इंटरनेट का वादा करती है। ऐसे में साफ है कि अगर भारत चाहता है कि मालदीव ज्यादा भारतीय ना जाएं तो लक्षद्वीप में थोड़ा और विकास उसे मालदीव का प्रतिस्पर्धी बना सकता है। पीएम 1,150 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया भी है। भले ही किसी रणनीतिक उद्देश्य के लिए ये द्वीप बहुत छोटे हैं लेकिन पर्यटन रणनीतिक परिणामों के साथ गेम चेंजर हो सकता है।

 

 मालदीव बन रहा है चीन का पिछलग्गू

मालदीव एक ऐसा देश है, जिससे भारत के अच्छे रिश्ते रहे हैं। सरकारों के ताल्लुक से इतर बड़ी तादाद में भारतीय मालदीव में घूमने भी जाते रहे हैं लेकिन अक्टूबर, 2023 में मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से उनका रुख बदला हुआ है। मालदीव ने पिछले साल दिसंबर में भारत के साथ किए गए हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को खत्म कर लिया। मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को भी वापस भेजने का फैसला लिया है। जिसने दोनों देशों के बीच रिश्तों को खराब किया है।

मुइज्जू एक तरफ भारत से बेरुखी दिखा रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी सरकार के चीन से नजदीकी बढ़ा रही है। मालदीव का भारत के लिए भी महत्व है, ऐसे में उसकी चीन से नजदीकी ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारत ने कई चैनल से मालदीव को समझाने की कोशिश की है। पीएम मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा को मालदीव के पर्यटन उद्योग पर चोट कर उस पर दबाव बनाने की कोशिश की तरह भी देखा जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here