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19 महीने पहले अपहरण, मिली तो निकली 7 माह की प्रेग्नेंट

 नेपाल कनेक्शन से पुलिस के उड़े होश

 सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले के विभिन्न थानों में करीब-करीब प्रतिदिन एक युवती के अपहरण का मामला दर्ज कराया जाता है। अपहृत युवतियां बरामद भी होती है, तो कुछ का पता नहीं चल पाता है। भिट्ठा थाना क्षेत्र से अपहृत एक युवती का मामला बड़ा हाई प्रोफाइल बना गया था। डेढ़ साल से पुलिस युवती को बरामद करने के लिए जगह-जगह खाक छान रही थी। अपहृत युवती को बरामद करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका था। हाईकोर्ट ने जिला पुलिस को अपहृत युवती को बरामद करने का आदेश दिया था। कोर्ट की सख्ती के बाद भी युवती को बरामद करने में पुलिस को एक माह से अधिक समय लग गए।
बताया गया है कि भिट्ठा थाना क्षेत्र से 19 महीने पहले एक युवती का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने अपहृत युवती को बरामद करने के साथ ही अपहर्ता और उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया है। विगत एक माह से हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में काफी दवाब झेल रही पुलिस अब राहत की बड़ी सांस ली है। पुपरी के एसडीपीओ अतनु दत्ता, सुरसंड थानाध्यक्ष धनंजय कुमार पांडेय और भिट्ठा थानाध्यक्ष रविकांत कुमार ने मधुबनी जिला के बासोपट्टी थाना के समीप इंडो-नेपाल बॉर्डर से अपहर्ता को गिरफ्तार किया है। अपहर्ता संतोष सहनी नेपाल के धनुषा जिले के कपलेश्वर पुलिस चौकी अंतर्गत पुरनदहिया गांव के राम सोगारथ सहनी का बेटा है। संतोष की मां रंजन देवी भी पुलिस गिरफ्त में है।
भिट्ठा थानाध्यक्ष ने बताया कि अपहृत युवती सात माह की गर्भवती है। प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक शैलेश कुमार ने अपहृता किशोरी का कोर्ट में बयान कराया है। वहीं, अपहर्ता और उसकी मां को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बताया गया है कि दो फरवरी 2023 को युवती का उसके घर से ही कर लिया गया था। अपहृता के परिजन ने 20 जुलाई 23 को स्थानीय थाने में अपहरण को ले प्राथमिकी दर्ज करायी थी। अपहृता की बरामदगी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी करती रही, पर सफलता नहीं मिल रही थी।
उसकी बरामदगी नहीं होने पर अपहृता के परिजन हाईकोर्ट में वाद संख्या सीआरडब्ल्यूजेसी 1590/2024 दायर किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस अधिक तेजी और चौकसी के साथ खोज कर रही थी। पुलिस नेपाल में भी छापेमारी की। अंतर्राष्ट्रीय मामला होने के चलते पुलिस एक माह से काफी परेशान थी। छापेमारी में नेपाल पुलिस का भी सहयोग नहीं मिल रहा था।

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