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केजरीवाल की जमानत का हरियाणा विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर!

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चरण सिंह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति के मनी लांड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने से दिल्ली को भले ही कोई फायदा न हो पर आम आदमी पार्टी को हरियाणा में जरूर कुछ फायदा हो जाएगा। कांग्रेस को कुछ नुकसान भी हो सकता है। अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आप कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है। केजरीवाल हिसार जिले के रहने वाले हैं। क्योंकि सीटों पर सहमति न बनने पर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमलावर होकर केजरीवाल हरियाणा में आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं। वैसे भी आम आदमी पार्टी वहां पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला दोनों ही नहीं चाहते थे कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो। हालांकि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना रखा है। बीजेपी से लगातार इस्तीफे दिये जा रहे हैं। बीजेपी के बागी दूसरी पार्टियों से टिकट मांग रहे है। कुछ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे में आम आदमी पार्टी शहरों में जहां बीजेपी का वोट काट सकती है वहीं गांवों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है। 8-10 सीटें ऐसी हैं जहां पर आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को सीधा नुकसान होगा। अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने से आम आदमी पार्टी हरियाणा में दो-चार सीटें भी ला सकती है। दरअसल गठबंधन न होने को मुद्दा बनाकर केजरीवाल कांग्रेस पर भी हमलावर होंगे। बीजेपी के खिलाफ तो वह जेल जाने की भड़ास भी निकालते दिखाई देंगे। दरअसल यह विधानसभा चुनाव कांग्रेस के पक्ष में माना जा रहा है। जुलाना से अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने की वजह से हरियाणा विधानसभा चुनाव और अधिक दिलचस्प हो गया है। आम आदमी पार्टी ने भी पहलवान कविता दलाल को टिकट दिया है। इसमें दो राय नहीं केजरीवाल के गृह राज्य होने के बावजूद आम आदमी पार्टी हरियाणा में कुछ खास नहीं कर पाई है। न तो गत विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कुछ कर पाई थी और न ही लोकसभा चुनाव में। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को गठबंधन में कुरुक्षेत्र सीट छोड़ी भी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता चुनाव भी लड़े पर हार गई। सुशील गुप्ता को कुरुक्षेत्र से ५ लाख १३ हजार वोट मिले थे। यहां से बीजेपी के नवीन जिंदल चुनाव जीते। दरअसल नवीन जिंदल पुराने कांग्रेस रहे हैं। इस बार ही बीजेपी में शामिल हुए थे।
दरअसल आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और पंजाब दोनों ही राज्यों में कांग्रेस से ही सत्ता छीनी है। दिल्ली में कांग्रेस ने ही समर्थन देकर केजरीवाल की पहली बार सरकार बनवाई थी। ऐसे ही आम आदमी पार्टी ने पंजाब में हथिया लिया। ऐसे में भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला पहले से सचेत थे। उन्होंने सीटों के बंटवारे में आम आदमी पार्टी को खास भाव ही नहीं दिया।