चरण सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद रालोद का एनडीए में जाना तय हो गया है। जिस तरह से रालोद मुखिया ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े उससे उन्हें अपनी रणनीति स्पष्ट भी कर दी। वैसे भी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने तुरंत बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जयंत चौधरी ने कहा था कि अब किस मुंह से मना करूं। जैसे कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने के बाद नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गये और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद जयंत चौधरी बीजेपी में जा रहे हैं ऐसे ही महाराष्ट्र में बाला साहेब और वीर सावरकर को भारत रत्न देकर उद्धव गुट को भी एनडीए में शामिल करने की तैयारी बीजेपी की है। ऐसे ही दलित विचारक रहे कांशीराम राम को भी भारत रत्न देकर दलितों को बीजेपी से जोड़ने बड़ी रणनीति बीजेपी बना रही है। वैसे भी दलितों की नेता मायावती की दलितों से पकड़ ढीली होती जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो राजनीति देश में की है उससे विपक्ष सिमट कर रह गया है। एक ओर उन्होंने राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त किया वहीं जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने का साहसिक काम किया। अब भारत रत्न के नाम पर इंडिया गठबंधन के दल वह एनडीए में ला रहे हैं। जो नीतीश कुमार उनके खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाकर लामबंद कर रहे थे वही नीतीश कुमार आज की तारीख में एनडीए में शामिल हैं। यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने पर एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार हुए थे।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर बीजेपी ने बिहार में पिछड़ों को साधा है तो चरण सिंह को भारत रत्न देकर किसानों पर डोरे डाले हैं। चरण सिंह के नाम पर जहां बीजेपी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समाज को साधने की प्रयास है वहीं किसानों का वोटबैंक भी उनके साथ आया है। जो किसान आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ होने जा रहा है उसे भी कुंद करने की रणनीति बीजेपी की। पीवी नरसिम्हा को भारत रत्न देकर साऊथ को भी साधने का प्रयास किया गया है। कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामी नाथन को भी भारत रत्न देकर किसानों को साधा है। बीजेपी ने भारत रत्न के माध्यम से विपक्ष की सियासी दीवार को ढहाने की बड़ी चाल चली है। चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एसएम स्वामीनाथन के साथ-साथ कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा से भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक चार बड़े नाम के साथ न सिर्फ पिछड़े दलित और किसानों को साधा गया, बल्कि पीवी नरसिम्हा राव के साथ दक्षिण की सियासत में भी भाजपा ने बड़ा शॉट लगाया है।
शुक्रवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एसएम स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई। इन तीनों नाम की घोषणा के साथ सियासी हलकों में भाजपा के लिहाज से चुनावी नफानुकसान का सियासी आंकलन किया जाने लगा।