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जेट-एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल ने कोर्ट में हाथ जोड़े:कहा- बेहतर होगा जेल में ही मर जाऊं, जज बोले- आपको बेसहारा नहीं छोड़ेंगे

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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल केनरा बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में शनिवार 6 जनवरी को मुंबई के स्पेशल कोर्ट में पेश हुए।
उन्होंने जज के सामने गुहार लगाते हुए बोले कि अब मेरे में और हिम्मत नहीं हैं में जिंदगी की आस खो चुका हूं। मेरा स्वास्थ भी ठीक नहीं रहता हैं इससे तो बेहतर होगा कि में मर जाऊ यह कहने के साथ हि उन्होंने कोर्ट में हाथ जोड़ लिए। साथ हि उन्होंने यह भी बोला की उन्हें अपनी परिवार की कमी भी महसूस होती हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर की लास्ट स्टेज में हैं। इसके बाद जज ने कहा कि आपको बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा। नरेश ने स्पेशल जज एमजी देशपांडे के सामने अपनी जमानत अर्जी दायर की थी।

उन्हें अदालत में पेश किया गया और कार्यवाही के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे जज ने स्वीकार कर लिया।
आपको बता दे नरेश गोयल पर केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। वह अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।

सुनवाई के दौरान जज की 2 अहम बातें…

मैंने उनकी बात ध्यान से सुनी और जब वह अपनी बात रख रहे थे तो मैंने उन्हें ध्यान से देखा। मैंने पाया कि उनका शरीर कांप रहा था। उन्हें खड़े होने के लिए सहारे की जरूरत है।

नरेश गोयल ने जो कुछ कहा, मैंने उनकी हर बात पर गौर किया। मैंने आरोपी को आश्वस्त किया कि उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा। उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का हरसंभव ख्याल रखा जाएगा और इलाज कराया जाएगा।

तीन पॉइंट में पूरा मामला समझें:

जेट एयरवेज को 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन दिया गया था, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं। ये अकाउंट 29 जुलाई 2021 में फ्रॉड घोषित किया गया था।

CBI ने 5 मई को गोयल के मुंबई स्थित ऑफिस सहित 7 ठिकानों की तलाशी ली थी। नरेश गोयल, पत्नी अनीता और जेट एयरवेज के निदेशक रहे गौरांग शेट्टी के घर पर भी छापे पड़े थे।

CBI की FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। तब ED ने भी गोयल और उनके साथियों के ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी।

बैंक का आरोप- पैसों की हेराफेरी की गई

केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जेट ने अपने से जुड़ी कंपनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया।

गोयल परिवार के पर्सनल खर्च- जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे। गोयल ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। 2019 में एयरलाइन चेयरमैन पद छोड़ दिया था।