सहारा के खिलाफ जंतर मंतर होने वाले आंदोलन को मिला ऑल इंडिया ड्राइवर पार्टी और पूर्वांचल नाई पार्टी का समर्थन 

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राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के आंदोलन को हर स्तर से समर्थन : अशोक शर्मा नाई

7 फरवरी को दिल्ली में जुटेंगे हजारों सहारा निवेशक

चरण सिंह राजपूत 
नई दिल्ली/पटना/दिल्ली। सहारा इंडिया की ठगी के खिलाफ दिल्ली जंतर-मंतर पर 7 फरवरी को होने वाले राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मेार्चा के आंदोलन को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने बताया कि उनके आंदोलन को ऑल  इंडिया ड्राइवर पार्टी और पूर्वांचल नाई महासभा का समर्थन मिला है। साथ ही कई संगठन उनके सम्पर्क में हैं। उनका कहना है कि दोनों संगठनों के प्रदेशाध्यक्ष ने निर्णय लिया है कि सहारा के खिलाफ दिल्ली में होने वाली इस लड़ाई में वह राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा को मजबूती से साथ दें। इन दोनों नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन में वह अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे।
दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि यह लड़ाई आर-पार की होगी। जब तक सभी निवेशकों का भुगतान नहीं हो जाता तब तक दिल्ली में आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन एजेंटों ने सहारा में निवेश कराया है। उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। सहारा से पैसा न मिलने की वजह से निवेशक इन एजेंटों को अपमानित कर रहे हैं। दोहरे दबाव में सहारा में कई एजेंटों के आत्महत्या कर ली है। कितने निवेशक पैसा न मिलने की वजह से फांसी के फंदे से झूल गए।
नाई महासभा के संस्थापक अशोक शर्मा नाई ने कहा है कि इस आंदोलन में उनका संगठन बढ़चढ़ कर हिस्सा लेगा। उनका कहना है कि दिल्ली में होने वाले इस धरना-प्रदर्शन में उनका विशेष योगदान रहेगा। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने देश और समाज हित मे अपना सर्वस्व न्यूछावर कर दिया था। वह भी उन्हीं के वंशज हैं। देश और समाजहित में जितना हो सकेगा उतना वह करेंगे।
ऑल इंडिया ड्राइवर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। उनका संगठन आंदोलन को पूरी मजबूती देगा। उनका कहना है कि देश में ठगी कर रही कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोलना बहुत जरूरी हो गया है। भोले भाले लोगों को ये कंपनियां अपने जाल में फंसा लेती हैं और धोखे से इनके पैसे हड़प लेती हैं। अब समय आ गया है कि इन कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोला जाये।
दरअसल पूरे देश में सहारा पर देनदारी के लिए आंदोलन चल रहा है। मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली में सहारा के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। निवेशकों का कहना है कि सहारा का चेयरमैन सुब्रत राय मोदी सरकार के साथ मिलीभगत करके निवेशकों का पैसा मार रहा है। जगह जगह सहारा के कार्यालयों को घेरा जा रहा है पर निवेशकों को पैसा नहीं मिल पा रहा है। हाल ही में सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि सहारा के पास 2 लाख 90 हजार करोड़ की संपत्ति है। किसी निवेशक को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सुब्रत राय 25 हजार करोड़ की संपत्ति सेबी के पास बता रहा है। इस बारे में दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि सुब्रत राय निवशकों और अपने कर्मचारियों को इमोशनल ब्लैकमेल कर रहा है। यह व्यत्कि बड़ा ठग है। इसकी किसी बात पर कोई विश्वास नहीं किया जा सकता है। अब सुब्रत राय को उनका भुगतान करना ही होगा।
सहारा इंडिया को-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा निवेशकों की राशि नहीं लौटाए जाने के खिलाफ हाल ही मध्य प्रदेश में कंपनी के फील्ड वर्कर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों की राशि लौटाई जाए। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की युगलपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार समेत  अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह याचिका सहारा फील्ड वर्कर्स दमोह निवासी अनिल तिवारी, मुरैना निवासी सोमवती गुप्ता सहित अन्य की तरफ से दायर लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि सहारा इंडिया को-ऑपरेटिव सोसायटी व्यक्तियों को अधिक लाभ देने का आश्वासन देकर राशि जमा करवाती थी। वह कंपनी में फील्ड वर्कर्स के रूप में कार्यरत थे और लोगों से निवेश की राशि एकत्र करते थे। कंपनी 2017 से समय अवधि पूर्ण होने के बावजूद भी निवेशकों की राशि नहीं लौटा रही है। सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन सुब्रत रॉय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई बार 6 माह में राशि लौटाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने मई 2021 में सितंबर तक राशि लौटाने का आश्वासन दिया था।
याचिका में कहा गया था कि वे फील्ड व वर्कर्स हैं और निवेश की राशि कलेक्ट करते थे। इस कारण से निवेशक राशि लौटाने के लिए उन पर दबाव बनाते हैं। दमोह जिलों में पथरिया ब्लॉक में 17 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। याचिका में मांग की गई थी कि सहारा कंपनी की संपत्ति को बेचकर निवेशकों की राशि लौटाई जाए। इसके अलावा कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए। याचिका में केंद्र व राज्य सरकार, सुब्रत रॉय सहित 16 को पार्टी बनाया गया था।

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