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काम के वक्त सरकारी कर्मचारियों का फोन पर बात करना गलत, कार्रवाई के लिए नियम बनाए सरकार- मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी

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मद्रास हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि सरकारी दफ्तरों में काम के दौरान कर्मचारियों द्वारा फोन का निजी इस्तेमाल करना गलत है

द न्यूज 15 
नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार (15 मार्च) को कहा कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के फोन पर निजी बात करने पर रोक लगनी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने मंगलवार को आदेश दिया कि सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट ने इसके सम्बन्ध में तमिलनाडु सरकार को नियम बनाने के निर्देश भी दिए हैं।

सरकार फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए बनाये नियम: स्वास्थ्य विभाग की एक कर्मचारी ने कार्यस्थल पर मोबाइल के प्रयोग के कारण निलंबन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम ने यह आदेश दिया। जस्टिस सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी कर्मियों द्वारा काम के दौरान फोन का निजी इस्तेमाल करना एक सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है, जोकि गलत है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि इसके संबंध में नियम बनायें और गड़बड़ी करने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करें।

महिला को राहत देने से इंकार: अपने निलंबन के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली महिला को भी कोर्ट ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। राधिका त्रिची हेल्थ जोनल में वर्क सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थी और वो कार्यस्थल पर मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहीं थीं, जिसके कारण सम्बंधित विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।

जामा मस्जिद का इलाका, कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री, शीशा नीचे कर चल रही थी फोन पर बात, झपटमार आया और फोन छीनकर भाग गया । बता दें कि फोन के इस्तेमाल पर रोक का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियो के फोन ले जानें पर पाबंदी लगा दी थी। योगी सरकार ने जून 2019 में एक आदेश जारी किया था कि बैठक में फोन लाने से कार्य में बाधा उत्पन्न होती है, क्योंकि फोन की घंटी बजती है, संदेश आते हैं जिससे समय भी खराब होता है।

फैसले के दौरान कुछ लोगों ने बताया था कि योगी सरकार ने हैकिंग और जासूसी के खतरे को देखते हुए ये फैसला लिया था। सीएम योगी ने इस आदेश का एक और कारण बताया गया था कि कोई गुप्त सूचना लीक न हो , इस कारण ये फैसला लिया गया था। सरकार ने मंत्रियो के फोन जमा करने के लिए टोकन की व्यवस्था भी की गयी थी, जिसके तहत बैठक के पहले मंत्री टोकन लेकर अपना फोन बाहर जमा करा सकते हैं।