बच्चें भविष्य के निर्माता। राजेंद्र शिशु सदन समाज निर्माण की ओर अग्रसर
समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित विद्यापति सभागार में राजेंद्र शिशु सदन विद्यालय के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए कुलपति डा पीएस पांडेय ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ अध्ययनरत बच्चों में बेहतर संस्कार देने की सम्पूर्ण जिम्मेवारी शिक्षकों की होती है। वार्षिक पुरस्कार समारोह बहुत कम विद्यालयों में ही करना संभव हो पाता है। विवि परिसर में करीब 54 वर्ष पहले से स्थापित राजेंद्र शिशु सदन विद्यालय में पठन पाठन करने से समाज के छात्र छात्राओं में उत्साहवर्धन होता है।
परिसर में अवस्थित यह विद्यालय मूलरूप से शिक्षा की धरोहर है। केंद्रीय कृषि विश्वविधालय के अंतर्गत कुल चार विद्यालय वास्तव में गौरव का विषय है। जिसमें केंद्रीय विद्यालय, कैंपस पब्लिक स्कूल, राजेंद्र शिशु सदन सहित सामुदायिक विज्ञान महाविधालय के अधीन किड्स स्कूल शामिल है। आने वाले समय में इस विद्यालय को एक ऐसी विद्यालय के रूप में परिवर्तित करने की योजना है। जिसमें नामांकन के लिए लोगों को कतार में लगना परें। विद्यालय के स्वरूप में आधुनिकीकरण करते हुए अमूलचूल परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है। छात्र छात्राओं का व्यक्तित्व विकास करने की दिशा में भी पहल किया जा रहा है। सिद्धि प्राप्त करने के लिए कोई भी क्षेत्र में मिहनत करने की आवश्यकता होती है। वर्ष 2047 तक भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए एवं प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में विद्यालय अग्रसर हो चुका है। समय रहते बच्चों को सही दिशा में तराशने की जरूरत है।
नई शिक्षा नीति के तहत पठन पाठन करवाने पर विश्व गुरु बनने का मार्ग बहुत दूर नहीं है। शिक्षकों को समय समय पर प्रशिक्षण दिलाने की दिशा में भी पहल करने की जरूरत है। सम्पूर्ण बिहार के स्कूली छात्र छात्राएं केंद्रीय कृषि विश्वविधालय परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत विभिन्न शोध कार्यों सहित सभी संकायों में चल रहे प्रयोगशाला को देखकर ज्ञानवर्धन करते है।राजेंद्र शिशु सदन विद्यालय प्रबंधन से आग्रह करते हुए कुलपति डा पांडेय ने कहा कि बच्चों को परिभ्रमण कार्यक्रम से जोड़कर पटना, राजगीर एवं नालंदा में स्थापित महापुरुषों को जीवनी से रूबरू कराने की जरूरत है। विवि इस कार्य में नियमानुसार बस आदि का सहयोग करेगी। बच्चों को देश के प्रति कर्तव्यों से भी परिचय कराने की आवश्यकता है। कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविधालय केअधिष्ठाता सह विद्यालय प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष डा अंबरीश कुमार ने कहा कि कोई भी छात्र छात्राओं का जन्म के छः वर्ष बाद से 14 वर्षों के बीच ही सामाजिक, मानसिक, शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक बुद्धि का विकास होता है। बच्चों को संतुलित ज्ञान देने का दायित्व मूलरूप से शिक्षकों का ही है। विद्यालय से होने वाली आय में से 25 प्रतिशत राशि सेविंग करने की जरूरत है। जबकि 75 प्रतिशत विद्यालय विकास सहित अन्य कार्यों में खर्च करने का निर्णय लिया गया है। साथ साथ यह भी निर्णय लिया गया है कि विद्यालय स्तर के किसी भी नियुक्तियां में आंतरिक एवं वाह्य विशेषज्ञों को भी रखने की जरूरत है। शिक्षकों से आग्रह करते हुए अधिष्ठाता डा कुमार ने कहा कि बच्चों को देश के कुशल नागरिक बनने की दिशा में पहल करने के लिए प्रेरित करें। इससे पूर्व विद्यालय के प्राचार्या पुष्पा ठाकुर ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय सदैव तत्पर है। ग्रीन नेट से विद्यालय के चहारदीवारी करवाने के लिए कुलपति सहित प्रबंध बोर्ड के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। फिलवक्त विद्यालय में करीब करीब 550 छात्र छात्राएं नामांकित है। जबकि वर्ष 1972 के शुरुआती दौर में संचालित इस विद्यालय में समयानुसार 15 से 20 बच्चें ही हुआ करते थे। साल दर साल बच्चों के नामांकन में वृद्धि हो रही है। विद्यालय में अतिरिक्त सुविधाएं पर भी ध्यान रखा जा रहा है। फिलहाल नए सत्र से विद्यालय में एलकेजी वर्ग भी शुरुआत हो रही है। वहीं प्रबंध बोर्ड के निर्णय के अनुसार वर्ग-2 में दो सेक्शन कर दिया गया है। छात्र कल्याण निदेशक डा रमण त्रिवेदी ने कहा कि राजेंद्र शिशु सदन से छात्र अध्ययन कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े बड़े ओहदे पर से सेवानिवृत हुए है। पुरस्कार वितरण समारोह के इस करी में जो भी बच्चें पुरस्कार पाने से वंचित हो गए है। उन्हें और अत्यधिक तैयारी की जरूरत है। हतोत्साह होने की आवश्यकता नहीं है। ईमानदारी के साथ तैयारी में लग जाएं निश्चितरूप से सफलता कदम चूमेंगी। बच्चें खुद को सूर्य की भांति चमकने का प्रयास करें ताकि वह दूसरों को भी प्रज्ज्वलित कर पाने में सक्षम हो पाएंगे। समारोह के अंत में विद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल छात्र छात्राओं में से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त बच्चों को कुलपति ने मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करते हुए आशीर्वाद दिया। वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का संचालन शिक्षिका आरती बोस ने की। धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक सह विद्यालय प्रबंध बोर्ड के सचिव डा सुधानंद प्रसाद लाल ने किया। मौके पर निदेशक अनुसंधान डा अनिल कुमार सिंह, के अलावे शिक्षकों में सीमा कुमारी, स्वेता चंद्रा, विजया, नीतू कुमारी, रुबी कुमारी, डॉली कुमारी, खुशबू कुमारी, रोहिणी सिंह, गार्गी, वीणा, सुजाता के अलावे लिपिक अनिल कुमार मौजूद थे।
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