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बांझपन के लिए मोबाइल भी जिम्मेदार?

 25-30 की उम्र में कर लेनी चाहिए शादी,  कार्यशाला में पहुंचे चिकित्सकों की राय

दीपक कुमार तिवारी

पटना । बिहार की राजधानी पटना में इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी की बिहार शाखा ने शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि देर से शादी, मोटापा, और गलत जीवनशैली बांझपन के प्रमुख कारण बन रहे हैं। विशेषज्ञों ने लोगों से बांझपन के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
कार्यशाला में इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी के विशेषज्ञ डॉ सतीश कुमार अडिगा ने कहा कि आजकल युवक-युवतियों में देर से शादी करने का चलन बढ़ रहा है, जो बांझपन का एक बड़ा कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय परिवेश में अगर शादी 25 से 30 वर्ष के बीच कर दी जाए तो प्रजनन के दृष्टि से बेहतर माना जाता है। 35 वर्ष के बाद युवक-युवतियों की शादी बांझपन की समस्या पैदा कर रही है। डॉ अडिगा ने यह भी बताया कि मोटापा भी बांझपन का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। उन्होंने युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की सलाह दी।
कार्यक्रम में संगठन के संयुक्त सचिव डॉ दयानिधि ने कहा कि शोधों से पता चला है कि पैंट की जेब में मोबाइल रखने से पुरुषों के शुक्राणुओं पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने युवाओं को मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर सावधान रहने की सलाह दी। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मंजू गीता मिश्रा ने युवाओं को जंक फूड से परहेज करने और घर का बना खाना खाने की सलाह दी।
वहीं, डॉ. मीना सामंत ने कहा कि बांझपन एक गंभीर समस्या है और इसके प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर युवक-युवतियों में बांझपन के प्रति जागरूकता आ गई तो उससे बचाव का रास्ता निकाला जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित डॉ कल्पना ने बताया कि आजकल 100 में से 15 लोग बांझपन का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है।

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