
दिल्ली विधानसभा चुनाव हारकर क्या आप इतनी कमजोर हो गई है कि वह मेयर चुनाव में बीजेपी का सामना भी नहीं कर सकती है। मेयर चुनाव को लेकर जिस तरह से आप मैदान से हट गई है, उससे तो ऐसा ही लग रहा है। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान कर दिया है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उनके पार्षदों को डराया जा रहा है। अपनी ओर मिलाया जा रहा है। आप तो बहुत लड़ाका पार्टी होने का दम्भ भरती रही है और लड़ाई में यह माना जाता है कि जो खिलाड़ी मैदान छोड़ देता है वह कायर माना जाता है। हार जीत तो लगी रहती है पर जिस तरह से आप ने मेयर पद भी बीजेपी की झोली में डाल दिया है। उससे बीजेपी का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर है।
प्रेस कांफ्रेंस में सौरभ भारद्वाज ने कहा, “दिल्ली में सत्ता को लेकर बीजेपी की इंस्पिरेशन कई सालों से देख रहे हैं. 9 मार्च साल 2022 को इलेक्शन कमीशन ने कहा कि शाम 5.00 बजे एमसीडी के चुनाव घोषित किए जाएंगे. इस घोषणा से पहले केंद्र सरकार और उपराज्यपाल ने स्टेट इलेक्शन कमीशन की प्रेस कांफ्रेंस रुकवा दी कि अभी चुनाव मत करवाइए। बीजेपी ने परिसीमन करने का तय किया और 18 महीने बाद चुनाव कराएंगे. उस समय बीजेपी एमसीडी में बुरी तरह से हारने वाली थी क्योंकि लोग आप को वोट देने वाले थे। इसलिए इसे टाल दिया गया।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि फिर 4 दिसंबर को चुनाव कराए गए। परिसीमन के दौरान एक-एक वार्ड को बीजेपी के लिए तैयार किया गया, जहां लोग बीजेपी के खिलाफ थे, उस वार्ड को निकालकर दूसरी जगह डाल दिया गया। हर विधानसभा में परिसीमन के दौरान आम आदमी पार्टी के सभी गढ़ मिलाकर एक वार्ड बना दिया गया, ताकि आप के सारे वोटर एक वार्ड में रहें. बीजेपी के वोटर्स के छोटे-छोटे वार्ड अलग-अलग कर दिए गए ताकि गिनती में बीजेपी के पास ज्यादा वार्ड के वोट आएं, आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि बीजेपी ने परिसीमन के रूप में भ्रष्ट काम किया और इसके बावजूद दिसंबर के चुनाव में AAP को 134 तो BJP को 104 सीटें मिलीं। उसके बाद स्टैंडिंग कमेटी और मेयर के चुनाव में बीजेपी ने बहुत कांड किए। आज मुख्यमंत्री बन गईं रेखा गुप्ता उस समय माइक तोड़ रही थीं। नारे लगाए जा रहे थे और मेयर पर अटैक किया गया।