पाकिस्तान ने अपने देश में टारगेट किलिंग के मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाया और आरोप लगाया इस सबके पीछे भारत का हाथ है। पाकिस्तान ने यह आरोप ब्रिटिश अखबार द गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के आधार पर लगाया। इस मुद्दे पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वह इस मुद्दे के बीच में नहीं पड़ना चाहता है। भारत और पाकिस्तान को मिलकर बातचीज के जरिए टारगेट किलिंग के विवाद को सुलझाने लिए रास्ता खोजना चाहिए। इससे पहले भारत ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट को खारिज कर चुका है। भारत ने रिपोर्ट को झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार बताकर नकार दिया था।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने डेली ब्रीफिंग में कहा कि हमने पाकिस्तान में टारगेट किलिंग को लेकर मीडिया रिपोर्ट को देखा है। जिस तरह आरोप लगाए गए हैं, उन पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है। उनकी सरकार इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करेगी लेकिन दोनों पक्षों को तनाव से बचने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
“पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे”
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीडिया रिपोर्ट के आने के बाद 5 अप्रैल को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर पड़ोसी देश के आतंकवादी भारत में शांति भंग करने की कोशिश करेंगे या भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करेंगे तो हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे.
राजनाथ ने कहा था, “अगर आतंकवादी सीमा पार पाकिस्तान भाग गए तो भारत उन्हें पड़ोसी देश में घुसकर मार गिराएगा. अगर कोई भारत को आतंकवाद से परेशान करेगा तो उसकी खैर नहीं है.” राजनाथ सिंह के बयान आने के एक दिन बाद पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया दी थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था भारत “भड़काऊ” टिप्पणी कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “पाकिस्तान आक्रामकता के किसी भी कृत्य के खिलाफ अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार है. पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है.” आगे कहा गया, “इतिहास पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प और अपनी रक्षा करने की क्षमता का गवाह है.”
रिपोर्ट में क्या था?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद से 20 हत्याओं को अंजाम दिया है। रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों और दोनों देशों के खुफिया अधिकारियों के इंटरव्यू का हवाला दिया गया है। यह भी दावा किया गया है कि दिल्ली ने उन लोगों को अपना टारगेट बनाने की नीति अपनाई, जिन्हें वह अपना शत्रु मानता है।
रिपोर्ट में पाकिस्तानी अधिकारियों का भी हवाला दिया गया है जिन्होंने हत्याओं के लिए संयुक्त अरब अमीरात में स्थापित भारतीय खुफिया विभाग के स्लीपर सेल पर आरोप लगाया था। रिपोर्ट में एक अनाम भारतीय अधिकारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश ने इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी खुफिया एजेंसियों से प्रेरणा ली है।