फिरोजाबाद । जन जागरूकता बढ़ाकर देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से जनपद में सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर शनिवार को पांचवा एकीकृत निश्चय दिवस का आयोजन किया गया। इस दिवस पर ओपीडी में 300 से अधिक लोग आए| जिसमें 44 लोगों में टीबी के संभावित लक्षण होने पर उनकी जाँच की गयी| जांच के बाद पांच टीबी पॉजिटिव मिले।
सीएमओ डॉ नरेंद्र सिंह ने कहा कि एकीकृत निक्षय दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन जागरूकता और मॉनिटरिंग को बढ़ाना है। जिससे टीबी रोगियों की पहचान और उपचार शीघ्र हो सके। दरअसल पलमोनरी टीबी एक संक्रामक रोग है। इसकी पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।
डीटीओ डॉ बृजमोहन ने बताया कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए टीबी संक्रमण का चक्र तोड़ना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस के अवसर पर ओपीडी में मरीजों की जांच के साथ-साथ बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से जागरूक किया गया।
टीबी अस्पताल के हेड डॉ सौरव यादव ने बताया कि आज 147 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिनमें 44 संभावित लक्षण वाले लोगों की जांच की गई जिनमें 5 टीबी पॉजिटिव पाए गए।
डीपीपीसीएम मनीष यादव ने कहा कि जनपद की सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर 200 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई तथा 70 से अधिक लोगों की टीबी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से क्षय रोग की जांच और उपचार किया जाता है। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार जारी रहने तक रोगी के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक माह 500 रूपए की धनराशि भेजी जाती है।
रेखा (19) परिवर्तित नाम जनपद निवासी को दिल्ली में दो माह पहले गले में दर्द की शिकायत थी वहां डॉक्टरों को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। वहां परिजन नहीं होने के कारण वह अपने मायके आ गई। बीस दिन पहले सरकारी अस्पताल में उसको भर्ती कराया गया। जांच में टीबी की पुष्टि हुई। उसके बाद अस्पताल वालों ने टीबी अस्पताल रेफर कर दिया। टीबी अस्पताल में उसको नगला बरी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जहां पंजीकरण कर उपचार शुरू कराए जा सके। रेखा ने बताया कि डॉक्टर ने उसको छह माह तक लगातार दवा का सेवन करने के लिए कहा है और साथ ही पौष्टिक आहार खाने के लिए बताया।