निर्माण स्थलों व सामग्री को कवर करवाना सुनिश्चित करें अधिकारी, न मानने पर करें चालान : डॉ. वैशाली शर्मा
करनाल, (विसु) । पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नगर निगम गम्भीर है। इसे लेकर नगर निगम कार्यालय में निगमायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में निगम अधिकारियों के अतिरिक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व डीटीपी कार्यालय के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में निगमायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्टï्रीय हरित अधिकरण की गाईडलाईन की सख्ताई से पालना करवाई जानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कार्यकारी अभियंता मोनिका शर्मा को निर्देश दिए कि शहर में सभी प्रकार के भवन जिनका क्षेत्र 500 वर्ग मीटर से अधिक है, को प्रदूषण विभाग के डस्ट कंट्रोल पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं और इस कार्य को शीघ्र अति शीघ्र किया जाए।
उन्होंने मुख्य नगर योजानकार धर्मपाल सिंह को निर्देश दिए कि शहर में जितने भी निर्माण स्थल हैं, उनमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे बजरी, रेत, मिटï्टी, कोर्स सैंड व डस्ट इत्यादि को ढकवाना सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन भवन को भी ढका जाए। अगर कोई ऐसा नहीं करता तो सम्बंधित भवन मालिक का चालान किया जाए। इसके लिए कनिष्ठï अभियंता, सफाई निरीक्षक व भवन निरीक्षक की अलग-अलग टीमें बना दी गई हैं, जो गुरूवार से ही फील्ड में उतर गई हैं।
कूड़ा-कर्कट में न लगे आग- उन्होंने मुख्य सफाई निरीक्षक सुरेन्द्र चोपड़ा को निर्देश दिए कि शहर में कहीं भी कूड़े-कर्कट में आग नहीं लगनी चाहिए। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कहीं भी कूड़ा जमा न होने दें, इसके लिए सम्बंधित जोन इंचार्ज जिम्मेवार होंगे। उन्होंने सख्त निर्देश देते कहा कि कहीं भी आग लगने का मामला सामने नहीं आना चाहिए।
पानी का करवाएं छिडक़ाव- उन्होंने कार्यकारी अभियंताओं को निर्देश दिए कि शहर के सभी मुख्य मार्गों व मार्किट क्षेत्रों में पानी का निरंतर छिडक़ाव करवाया जाए। कार्यकारी अभियंता ने बताया कि टैंकरों की सहायता से पानी का छिडक़ाव कार्य जारी है। निगमायुक्त ने इसके अतिरिक्त स्मोग गन व वाटर स्प्रिरिंकलर खरीदने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम की शहर में जितनी भी परियोजनाएं चल रही हैं, सभी को पानी का छिडक़ाव करने के लिए कहें, ताकि धूल-मिट्टïी हवा में न उठे।
सी एंड डी वेस्ट न दिखे- उन्होंने निर्देश दिए कि शहर में सडक़ पर कहीं भी निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्टï नहीं दिखना चाहिए। इसके लिए सभी अपने-अपने क्षेत्र में दौरा करें। अगर किसी ऐसा अपशिष्टï दिखाई दे, तो सम्बंधित व्यक्ति का चालान किया जाए।
बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करनाल के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने कहा कि शहर में कूड़ा-कर्कट फैलाने व जलाने वालों की जितने भी चालान किए जाएं, उनकी सूची भेजी जाए, ताकि उन्हें पोर्टल पर अपलोड किया जा सके।
निगमायुक्त ने शहरवासियों तथा कूड़ा एकत्र करने वाले निजी लोग, कबाड़ी, दुकानदार या रेहड़ी-फड़ी वालों से अपील करते कहा कि कोई भी कूड़े-कर्कट, पॉलीथिन या प्लास्टिक इत्यादि वस्तुओं में आग न लगाए, इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। पर्यावरण प्रदूषित होने से कई तरह की बीमारियां होती हैं, जो सभी के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम शहर की साफ-सफाई व पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कटिबद्घ है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो नगर निगम उसके विरूद्घ सख्ती से निपटेगा। उन्होंने कहा कि कूड़े में आग लगाने की सूरत में पांच से 25 हजार रुपये का चालान किया जाएगा और जो व्यक्ति चालान की राशि जमा नहीं करवाएगा, उसे दिल्ली स्थित एन.जी.टी. की कोर्ट में तारिख भुगतनी पड़ेगी।