अस्पताल ने नहीं दिया स्ट्रेचर
किशनगंज । ब्यूरो।
किशनगंज सदर अस्पताल में मंगलवार को एक ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर कर रख दिया। एक गरीब मजदूर पिता अपने डेढ़ साल के मासूम बेटे के शव को गोद में उठाकर पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चरी तक ले जाता दिखा, क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने उसे एक स्ट्रेचर तक देने की ज़रूरत नहीं समझी।
यह मार्मिक दृश्य था सनोज महतो का, जो किशनगंज के मारवाड़ी कॉलेज के पास फुलवाड़ी में रहते हैं और मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनके मासूम बेटे की एक कार से कुचलकर दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बच्चे को एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां मानवीयता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई। अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता इस हद तक थी कि पिता को अपने मासूम के शव को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा—न कोई स्ट्रेचर, न कोई मदद। यह दृश्य न केवल व्यवस्था की विफलता दर्शाता है, बल्कि सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि ज़मीनी स्तर पर सिस्टम कितना अमानवीय और लापरवाह बना हुआ है।