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ब्रिटिश शासन से बेहतर है भारत की नई शिक्षा नीति,अब युवा देंगे रोजगार : राज्यपाल

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दीक्षारंभ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ, कुलपति ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया

दीपक कुमार तिवारी 

पटना/मोतिहारी।  राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय से लागू शिक्षा नीति ने देश के युवाओं को गुलामों के जैसी नौकरी करने कीउ मानसिकता बना दी। जिसके कारण शिक्षा का सर्टिफिकेट लेकर युवा वर्ग देश और विदेशों में दर दर भटकते रहे हैं। लेकिन अब भारत की नई शिक्षा नीति से शिक्षित होने वाले युवक नौकरी करने की नहीं नौकरी देने वाले बनेंगे। महामहिम आज
मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षारंभ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह भी बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। राज्यपाल श्री आर्लेकर ने कहा कि देश को अब सोने की चिड़िया नहीं, बल्कि सोने का शेर बनाना है, जो दहाड़ेगा तो पूरा विश्व सुनेगा। कार्यक्रम का आयोजन ग़ांधी सभागार में किया गया था। राज्यपाल ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वही सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति संजय श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का सम्मान मोमेंटो देकर किया। इस मौके पर विशिष्ठ अथिति के रूप में पहुंचे सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि अब बस तीन वर्ष के अंदर यह सेंट्रल यूनिवर्सिटी अपना पूर्ण स्वरूप ले लेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि ब्रिटिश काल से आ रहे शिक्षा नीति ने हमें इस कदर मानसिक तौर पर गुलाम बना दिया था कि युवक पढाई करने के बाद नौकरी मांगने जाते थे। लेकिन 2020 में जो नई शिक्षा नीति आई है, उससे युवक अब नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। साथ ही देश को अब सोने की चिड़िया नहीं बनाना है, बल्कि सोने का शेर बनाना है जो दहड़ेगा तो पूरा विश्व सुनेगा।