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Indian Economy : रिकार्ड बेरोजगारी और महंगाई के बीच दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने जा रहे बड़े कर्जधारी गौतम अडानी!

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Indian Economy : चौथे नंबर पर खिसके दुनिया में दुनिया में सबसे अमीर व्यक्ति की लस्टि में शामिल फ्रांस के कारोबारी, जेफ बेजोस तीसरे तो गौतम अडानी बने तीसरे अमीर व्यक्ति, 2,309 अरब रुपये का कर्ज है अडानी पर

चरण सिंह राजपूत 

ऐसे ही मोदी समर्थक नहीं कहते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है। भले ही देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर हो, भले ही लोगों की आमदनी में न के बराबर बढ़ोतरी हुई हो, भले ही देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही हो, भले ही देश भुखमरी के मामले में रिकार्ड बना रहा हो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परम मत्रि गौतम अडानी वश्वि के तीसरे अमीर व्यक्ति बन गये हैं। उम्मीद व्यक्त की जा रही है जल्द ही वह दुनिया के दूसरे अमीर व्यक्ति बन जाएंगे। इसे मोदी की मेहरबानी कहें या फिर गौतम अडानी की कारोबार में हासिल की महारत कि जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अरबपतियों की संपत्ति में लगातार गिरावट दर्ज हुई है वहीं गौतम अडानी की संपत्ति तेजी से बढ़ रही है।

दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति की लस्टि में काबिज फ्रांस के कारोबारी चौथे नंबर पर खिसक गये हैं तो जेफ बेजोस तीसरे से दूसरे और गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके हैं। मोदी सरकार से पहले देश सबसे अमीर व्यक्ति माने जाने वाले मुकेश अंबानी नौवें स्थान पर हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के कारण अमीर अरबपतियों की कुल संपत्ति में तेजी से गिरावट आई है।

जेफ बेजोस की संपत्ति में एक दिन में 9.8 बिलियन डॉलर मतलब 80,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है, जो इस लस्टि में यह सबसे अधिक गिरावट है। उधर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की कुल संपत्ति में 8.4 अरब डॉलर मतलब करीब 70,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इतना ही नहीं कि मार्क जुमरबर्ग, लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन और स्टीव बाल्मर की सपंत्ति में 4 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई है, जबकि वॉरेन बफेत और बिल गेट्स को क्रमश 3.4 बिलियन डॉलर और 2.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।

यदि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमीरों की सपंत्ति में गिरावट भले ही हुई हो पर भारत के दो सबसे बड़े अमीर व्यक्ति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है। गौतम अडानी की संपत्ति 1.58 बिलियन डॉलर और मुकेश अंबानी की संपत्ति 1.23 बिलियन डॉलर बढ़ी है। इस लस्टि में गौतम अडानी तीसरे तो मुकेश अंबानी 9वें स्थान पर हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार अडानी दुनिया के दूसरे अमीर बन सकते हैं क्योंकि इनकी संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। ब्लूमबर्ग के मंगलवार के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस से सर्फि 3 बिलियन डॉलर का फासला रह गया है। जेफ बेजोस की कुल संपत्ति 150 बिलियन डॉलर है तो वहीं गौतम अडानी की कुल संपत्ति 147 बिलियन डॉलर है।

दरअसल अडानी ग्रुप ने 1980 के दशक में जिंस कारोबारी के रूप में काम शुरू किया और बाद में खान, बंदरगाह और बिजली संयंत्र, हवाई अड्डा, डेटा सेंटर तथा रक्षा जैसे क्षेत्रों में कदम रखा। हाल ही में समूह ने होल्सिम की भारतीय इकाइयों का 10.5 अरब डॉलर में अधग्रिहण कर सीमेंट क्षेत्र के साथ एल्युमिना विनर्मिार में कदम रखा। पिछले कुछ साल में अडानी ग्रुप ने आक्रामक वस्तिार योजना अपनाई है। इससे कर्ज और नकदी प्रवाह पर दबाव पड़ा है। क्रेडिटसाइट्स ने कहा, अडानी ग्रुप तेजी से नए और अलग-अलग कारोबार में कदम रखा है, जो अत्यधिक पूंजी गहन हैं। इससे निगरानी के स्तर पर क्रियान्वयन को लेकर जोखिम बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की कंपनियों में प्रवर्तक इक्विटी पूंजी डाले जाने का पक्का सबूत है लेकिन अडानी ग्रुप में पर्यावरणीय, सामाजिक और संचालन (ईएसजी) के स्तर पर कुछ जोखिम भी है।

गौतम अडानी भले ही दुनिया के तीसरे सबसे अमीर बन चुके हों पर अडानी ग्रुप के पास अडानी एंटरप्राइजेज के माध्यम से मजबूती के साथ कंपनियों के संचालन का एक मजबूत ट्रैक रिकार्ड है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर तरीके से कामकाज से संबंधित बुनियादी ढृांचे का एक पोर्टफोलियो भी है। अडानी ग्रुप की सकल घरेलू शेयर बाजार में छह सूचीबद्ध कंपनियां हैं और इसके समूह की कुछ संस्थाओं के पास अमेरिकी डॉलर ब्रांड को लेकर बकाया भी है। समूह की इन छह सूचीबद्ध कंपनियों के पास अमेरिकी डॉलर ब्रांड को लेकर बकाया भी है। समूह की इन छह सूचीबद्ध कंपनियों के ऊपर 2021-22 में 2,309 अरब रुपये का कर्ज था।

समूह के पास उपलब्ध नकदी को निकालने के बाद शुद्ध रूप से कर्ज 1,729 अरब रुपये बैठता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य रूप से समूह मौजूदा और नई इकाइयों में आक्रामक तरीके से निवेश कर रहा है। निवेश का वत्तिपोषण मुख्य रूप से कर्ज के जरिये किया जा रहा है। इससे कर्ज बढ़ने के दाथ साथ आय प्रवाह/कर्जू अनुपात ऊंचा हुआ है। क्रेडिटसाइट्स ने कहा कि इससे पूरे समूह के बारे में चिंता उत्पन्न हुई है। उसने कहा कि समूह मुख्य रूप से कर्ज के आधा पर जिस तरीके से आक्रामक रूप से वस्तिार कर रहा है, वह सतर्कता के साथ उस पर नजर रखे हुए है।