खानपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर का समापन विशेष रूप से प्रेरणादायक रहा। शिविर के अंतिम दिन ब्रह्माकुमारी सविता बहन ने राजयोग की महत्ता और इससे प्राप्त होने वाली अष्ट शक्तियों पर प्रकाश डाला।
सविता बहन ने कहा कि राजयोग सभी योगों में सर्वोत्तम और सरल है। इसके अभ्यास से मनुष्य अपने कर्मेंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करता है, मन और बुद्धि को सही दिशा देता है, और अपने जीवन को देवतुल्य बना सकता है। उन्होंने बताया कि राजयोग के नियमित अभ्यास से समाने की शक्ति, निर्णय शक्ति, सहनशक्ति, और सहयोग शक्ति जैसी अष्ट शक्तियों का विकास होता है, जो जीवन को ऊंचाई पर ले जाती हैं।
उन्होंने मां दुर्गा के अष्ट भुजाधारी स्वरूप को इन अष्ट शक्तियों का प्रतीक बताया और कहा कि राजयोग से ही हमारे संस्कार महान बनते हैं और समाज में व्याप्त बुराइयों और प्रलोभनों का उन्मूलन होता है।
राजयोग की विधि समझाते हुए उन्होंने बताया कि स्वयं को ज्योतिर्बिंदु आत्मा मानकर परमपिता शिव को याद करने से आत्मा पवित्र होती है और पाप नष्ट हो जाते हैं। इसका अभ्यास धरती को स्वर्ग बना सकता है।
शिविर में अंत में सभी प्रतिभागियों को राजयोग का अभ्यास कराया गया, जिससे उन्होंने शांति और आनंद की गहन अनुभूति की।
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