इंडिया गठबंधन बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का दंभ तो भर रहा है पर ये दल आपस में ही उलझ कर रह जा रहे हैं। पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस को दो सीटें देने की बात कर रही हैं तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी उनसे भीख न मांगने की बात कर रहे हैं। ऐसे ही दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बीच एक दूसरे को नीचा दिखाने की बयानबाजी देखी जा रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कह रहे हैं कि अब महिलाएं अपने बच्चों को कहानी सुनाएंगी कि कोई थी कांग्रेस। ऐसे ही पंजाब और दिल्ली के आप नेता कांग्रेस को एक सीट न देने की बात कर रहे हैं तो कांग्रेस नेता आप नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस को आठ सीटें देने की बात कर रहे हैं। साथ ही समाजवादी पार्टी के मुख्य महासचिव राम गोपाल यादव बसपा के साथ गठबंधन होने पर सपा के न रहने की बात कर रहे हैं।
बिहार में तो हालत और भी बुरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इस्तीफा लेकर पार्टी की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। उन्होंने इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों पर संयोजक बनाने का दबाव बना लिया है। ऐसे ही तमिलनाडु, महाराष्ट्र में भी है। इन परिस्थितियों में तो टिकट के बंटवारे में तालमेल का होना दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है। कहना गलत न होगा कि इन दलों के एकला चलो नीति से इंडिया गठबंधन वजूद में आये बिना ही बिखरता नजर आ रहा है।
इन सब दलों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे अधिक राजनीति करती प्रतीत हो रही हैं। कभी वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित करती हैं तो कभी कांग्रेस को दो सीटें ही देने की बात कर रही हैं। कभी कह रही हैं कि चाहे वामपंथी दल हों या फिर कांग्रेस किसी को कोई सीट नहीं देंगे। उनके जवाब में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कह दिया है कि कोई उनसे भीख मांगने गया है क्या ?
दरअसल पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी की ओर से दो सीटें ऑफर करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसको लेकर टीएमसी पर जमकर निशाना साधा।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “उनसे कौन भीख मांगने गया है, हमें पता नहीं क्या हमारे पास दो सीटें हैं। ममता जी से कौन सीटें मांग रहा है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। ममता जी नरेंद्र मोदी जी के सेवा में लगी हुई हैं. कांग्रेस को ममता की दया की कोई जरूरत नहीं है, हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं.”
ममता पर उठाए थे पहले भी सवाल
पिछले हफ्ते ही कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर बड़ी बात कह दी थी। अधीर रंजन चौधऱी का कहना था कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में इंडिया में शामिल दलों के बीच गठबंधन में दिलचस्पी नहीं रखती हैं। 30 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले में मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा था, “मुख्यमंत्री खुद पश्चिम बंगाल में गठबंधन नहीं चाहतीं क्योंकि उन्हें समस्याएं होंगी। उन्होंने ही गठबंधन की संभावना को खत्म कर दिया है. अगर आप उनके भाषण सुनेंगे तो पाएंगे कि वह यहां गठबंधन नहीं चाहतीं.”
ममता ने पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने के दिए थे संकेत
कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी ममता बनर्जी की ओर से यह संकेत दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इंडिया ब्लॉक का गठन केवल राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए किया गया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी ही बीजेपी से लड़ेगी, जबकि इंडिया ब्लॉक देश के बाकी हिस्सों में होगा. केवल टीएमसी ही पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मात दे सकती है और पूरे देश में दूसरों के लिए एक मॉडल स्थापित कर सकती है.”
‘मुर्शिदाबाद में TMC और BJP को फिर हराएंगे’
अधीर रंजन चौधरी ने तब कहा था कि कांग्रेस अपनी चुनावी तैयारियों के साथ आगे बढ़ रही है। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन हमारे साथ आ रहा है या हमें छोड़कर जा रहा है। हमने मुर्शिदाबाद में टीएमसी और बीजेपी को कई बार हराया है और हम फिर से हराएंगे.” साल 2019 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को बेरहामपुर और मालदा दक्षिण की सीटों पर जीत मिली थी।
वैसे भी कांग्रेस पर भी सहयोगी दल भारत न्याय यात्रा में न्यौता न देने का आरोप लगा रहे हैं। उधर स्थापना दिवस पर जब कांग्रेस ने नागपुर में रैली की तो इंडिया गठबंधन के किसी नेता को नहीं बुलाया था। यहां तक कि महाराष्ट्र के नेता भी इस रैली में नहीं बुलाये गए थे।