सुषमा
जुचंद्र। 114 वर्षों का इतिहास रखने वाले जूचंद्र जिला परिषद विद्यालय में भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ और इस विद्यालय के पूर्व छात्र, शिक्षा प्रेमी श्री. मनोहर महादेव भोईर को ध्वजारोहण का सम्मान दिया गया। इस कार्यक्रम के साथ-साथ जुचंद्रा जिला परिषद मराठी स्कूल मरम्मत मिशन में सहयोग करने वाले दानदाताओं और सेवा प्रदाताओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सभी मुख्य अतिथि, दानदाता, विद्यालय प्रबंधन समिति, विद्यार्थियों के अभिभावक, शिक्षक एवं ग्रामीण उपस्थित थे। लोकवर्गनी के माध्यम से दोनों आंगनबाड़ियों के साथ-साथ जिला परिषद स्कूल के आमूल-चूल परिवर्तन को देखते हुए इस पहल की हर जगह सराहना हो रही है।
विद्यालय के जीर्णोद्धार से विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, ग्रामीणों एवं सभी पूर्व छात्रों में खुशी का माहौल है। वर्तमान में इस विद्यालय में पहली से चौथी कक्षा तक 290 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय भवन 85 वर्ष पुराना होने के कारण विद्यालय भवन, शौचालय बाथरूम, किचन शेड आदि में कई तरह की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। इससे छात्रों और शिक्षकों को भी असुविधा हो रही थी। अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद, स्कूल की मरम्मत के लिए पालघर जि
स्कूल नवीकरण अभियान के तहत अगले 20 से 25 वर्षों की योजना बनाकर स्कूल को नई छत, सुसज्जित नई पोषण रसोई, शौचालय/बाथरूम की मरम्मत, परिसर की मरम्मत, कक्षा की मरम्मत/पेंटिंग, नई बेंच, सीसीटीवी मिलेंगे। स्कूल के सामने सुरक्षा, डिजिटल क्लासरूम, नई बिजली फिटिंग, नए पंखे, इनवर्टर और पेवर ब्लॉक जैसे विकास कार्य किए गए हैं। जिला परिषद स्कूल के साथ-साथ दोनों आंगनवाड़ी स्कूलों का भी जीर्णोद्धार और बदलाव किया गया है। जुचंद्र जिला परिषद स्कूल सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से दोनों आंगनबाड़ियों, पूरे जिला परिषद स्कूल (छह कक्षाओं) के साथ डिजिटल होने वाला वसई तालुक का एकमात्र स्कूल बन गया है। जिसमें स्कूल का पूरा पाठ्यक्रम एंड्रॉइड टीवी पर देखा जाएगा, जिससे छात्रों को फायदा होगा। सभी सत्कर्ममूर्तियों ने विद्यालय का निरीक्षण किया तथा मरम्मत अभियान पर संतोष एवं प्रसन्नता व्यक्त की।
निजी और कॉन्वेंट स्कूलों के चलन के कारण जिला परिषद के स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। इसके चलते कई स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। लेकिन जिला परिषद स्कूल गरीब और जरूरतमंद छात्रों को शिक्षा की धारा से जोड़े रखने के लिए आशा की एकमात्र किरण हैं। जुचंद्रा का यह स्कूल मरम्मत अभियान न केवल तालुक बल्कि पूरे जिले के सरकारी स्कूलों के लिए एक मॉडल होगा। कार्यक्रम का समापन सभी दानदाताओं, दानदाताओं एवं सेवा प्रदाताओं को सम्मानित एवं धन्यवाद देकर किया गया।