Independence Day : जब आरएसएस ने तिरंगा फहराने पर दर्ज करा दिया था केस!

Independence Day : 26 जनवरी 2002 को बाबा मेंढे के नेतृत्व में तीन लोगों ने आरएसएस के मुख्यालय पर फहराया दिया था तिरंगा

आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद 2 अगस्त को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी में तिरंगा लगाया है। साथ ही देशवासियों से भी ऐसा करने की अपील की है। सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर 20 करोड़ लोगों के घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। यह अपने आप में दिलचस्प है कि केंद्र में काबिज भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस ने तिरंगा फहराने वालों पर केस दर्ज करा दिया था। दरअसल महाराष्ट्र के बाबा मेंढे, रमेश कलम्बे और दिलीप चटवानी ने 26 जनवरी 2002 को नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहरा दिया था। ये लोग इस बात से नाराज थे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भी तिरंगा नहीं फहराया जाता था।

यह मुकदमा डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर की शिकायत पर दर्ज कराया गया था। यह मुकदमा मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक साल पहले तक नागपुर की एक निचली अदालत में चला है। अगस्त 2013 में अदालत ने इन तीनों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया था। दरअसल 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बाद संघ मुख्यालय पर 26 जनवरी 2002 को तिरंगा फहराया गया था। इस बीच 52 साल में एक बार भी आरएसएस ने अपने मुख्यालय पर झंडा नहीं फहराया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी संघ के प्रचारक रहे हैं।
आरएसएस पर किताब लिखने वाले प्रोफेसर शम्सुल इस्लाम का दावा है कि संघ के अंग्रेजी मुखपत्र आर्गनाइजर ने पहले स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की भर्त्सना करते हुए लिखा था कि हिंदुओं द्वारा तिरंगे का कभी सम्मान नहीं किया जाएगा। न ही उसे अपनाया जाएगा। मुखपत्र में लिखा गया था कि तीन आंकड़ा अपने आप में अशुभ है। आरएसएस का मानना था कि एक ऐसा झंडा जिसमें तीन रंग हों बेहद खराब मनोवैज्ञानिक असर डालेगा और देश के लिए नुकसानदायक साबित होगा। जगजाहिर है कि आरएसएस के दूसरे संघ संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को नरेन्द्र मोदी अपना गुरु मानते हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि गोलवलकर ने अपनी किताब बंच ऑफ थॉट मे तिरंगे के चयन पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि हमारे नेताओं ने देश के लिए एक नया झंडा चुना है। उन्होंने ऐसा क्यों किया ? उनका मानना था कि यह सिर्फ बहकने और नकल करने का मामला है। भारत एक गौरवशाली अतीत वाला प्राचीन महान राष्ट्र है। उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में लिखा था कि तब, क्या हमारा अपन कोई झंडा नहीं था ? क्या इन हजारों सालों में हमारा कोई राष्ट्रीय प्रतीक नहीं था ? निस्संदेह हमारे पास था। फिर यह दिवालियापन क्यों ?

  • Related Posts

    आखिर कंगना राणावत ऐसा क्या अलग हटकर लिख दिया ?

    नई दिल्ली। बीजेपी सांसद कंगना राणावत भले ही…

    Continue reading
    बुरी तरह फंस गए विजय शाह, जेल जाना तय!

    भारी पड़ेगा कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    5000 करोड़ के फ्रॉड का आरोप  

    • By TN15
    • May 17, 2025
    5000 करोड़ के फ्रॉड का आरोप  

    पुलिस की बहादुरी पर नोएडा व्यापारी वेल्फेयर एसोसिएशन ने किया सम्मान *

    • By TN15
    • May 17, 2025
    पुलिस की बहादुरी पर नोएडा व्यापारी वेल्फेयर एसोसिएशन ने किया सम्मान *

    भारतीय सोशलिस्ट मंच ने सौंपा ज्ञापन

    • By TN15
    • May 17, 2025
    भारतीय सोशलिस्ट मंच ने सौंपा ज्ञापन

    मां गायत्री एजुकेशन सर्विस का उद्घाटन मदनमोहन तिवारी, गायत्री देवी, समीक्षा शर्मा के द्वारा फीता काट कर किया गया

    • By TN15
    • May 17, 2025
    मां गायत्री एजुकेशन सर्विस का उद्घाटन मदनमोहन तिवारी, गायत्री देवी, समीक्षा शर्मा के द्वारा फीता काट कर किया गया

    सिंदूर की विजय” – मातृभूमि को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण का जश्न

    • By TN15
    • May 17, 2025
    सिंदूर की विजय” – मातृभूमि को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण का जश्न

    वाह। टिम कुक हैं सच्चे लीडर!

    • By TN15
    • May 17, 2025
    वाह। टिम कुक हैं सच्चे लीडर!