Independence Day : पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के पत्र को पढ़कर भी नहीं शामिल हुए थे आजादी के जश्न में
स्नेहा जायसवाल
इस स्वतंत्रता दिवस पर मोदी सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है। स्वतंत्रता दिवस हम हिन्दुस्तानियों के लिए बड़ा खास है। क्या आप जानते है कि जब देश आजाद हो रहा था तब महात्मा गांधी कहां थे, और क्या सच में भारत से एक दिन पहले पाकिस्तान आजाद हो गया था।
आजादी के जश्न के वक्त कहां थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी : जब पूरा देश 15 अगस्त के आज़ादी का जश्न मना रहा था तो वही एक शख्स ऐसा भी था जो ब्रिटिश शासन की गुलामी से मुक्ति के इस महोत्सव में शामिल नहीं था। वह कोई और नहीं बल्कि महात्मा गांधी थे। गांधी जी खामोशी के साथ राजधानी दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर कलकत्ता में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच शांति और सौहार्द कायम करने के काम में लगे हुए थे।
तो वहीं जब पूरा देश 15 अगस्त के दिन आज़ादी का जश्न मना रहा था तो बापू कलकत्ता में शांति और हिंदू मुस्लिम को एक करने के लिए जुटे हुए थे। बापू की ये मेहनत रंग लाई. हिन्दु मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंसा को छोड़ भाईचारे को अपनाते हुए बापू के सामने शपथ ली कि वो कभी भी हिंसा के समर्थन में नहीं होंगे। 15 अगस्त देशवासियों के लिए खुशियों से भरा होता है, लेकिन आजादी की वर्षगांठ के साथ ही देश को एक दर्द भी झेलना पड़ा था। वो है देश के बंटवारे का दर्द। 1947 में ब्रिटिश सरकार ने भारत छोड़ने का फैसला तो ले लिया, लेकिन 14 अगस्त 1947 की आधी रात देश भारत और पाकिस्तान, 2 टुकड़ों में बंट गया।
क्या पाकिस्तान एक दिन पहले आजाद हो गया था : अंग्रेजों से एक ही दिन आजादी मिलने के बावजूद भारत 15 अगस्त को, जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। अंग्रेजों ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान को 1947 में 14 और 15 अगस्त के बीच की रात आजाद किया था। 12 बजते ही दो देश वजूद में आ गए थे। अब ऐसे में अगर एक देश को रात 12 बजे दो हिस्सों में बांटा गया तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि दोनों देश अपनी आजादी आगे-पीछे मनाएं!
मोहम्मद जिन्ना ने 15 अगस्त को दी थी मुबारकबाद : पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना 13 महीने जिंदा रहे थे और यही मानते रहे कि पाकिस्तान और भारत एक ही दिन एक ही समय में आजाद हुए मुल्क हैं। उनके मुताबिक, रेडियो पाकिस्तान हर साल जिन्ना साहब की आवाज में पहला बधाई संदेश सुनाता है, जिसमें जिन्ना कह रहे हैं कि 15 अगस्त की आजाद सुबह पूरे राष्ट्र को मुबारक हो, लेकिन यह भी अजीब बात है कि मोहम्मद जिन्ना का यह बधाई संदेश हर साल 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त को सुनवाया जाता है। उनके मुताबिक, पाकिस्तान बनने के बाद आजादी की दो वर्षगांठ यानी 1948 और 1949 में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया गया, लेकिन मो. जिन्ना के गुजरने के बाद इस लम्हे को 24 घंटे पहले मनाया जाने लगा और तभी से 14 अगस्त ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है।
भारत मनाएगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस : अब हर साल पाकिस्तान जिस दिन अपनी आजादी की वर्षगांठ मना रहा होगा, हम भारतीय विभाजन की पीड़ा को याद करेंगे और ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।