छात्रों में तनाव और चिंता का कारण बनती प्रश्नपत्र लीक होने की बढ़ती घटनाएं

यह दुर्भाग्य की बात है कि शिक्षा क्षेत्र की कई समस्याओं के समाधान की कोई राह नहीं दिख रही है। इन्हीं में से एक है प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां किसी न किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों में न रहता हो। प्रश्नपत्र लीक होने की निरंतर घटनाएं प्रतियोगी परीक्षाओं की वास्तविकता को कमजोर करती हैं और छात्रों के लिए काफी तनाव का कारण बनती हैं। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक उत्कृष्ट दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, सख्त कानूनी उपाय और प्रभावित छात्रों के लिए व्यापक समर्थन शामिल है। इन उपायों को लागू करके, हम परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल कर सकते हैं और सभी छात्रों के लिए एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित कर सकते हैं।

 


प्रियंका सौरभ

 

जब किसी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होता है तो परीक्षार्थियों के साथ परिजनों के भी सपने भी चकनाचूर होते हैं। ऐसी घटनाओं से एक उन्नत, समृद्ध, सुशिक्षित एवं सशक्त राष्ट्र एवं समाज बनने-बनाने का हमारा सामूहिक स्वप्न और मनोबल टूटता है। इससे युवाओं के भीतर व्यवस्था के प्रति असंतोष एवं निराशा की स्थायी भावना घर करती है, शासन का प्रभाव कम होता है और व्यवस्था से आमजन का मोहभंग होता है। नौजवानों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल उज्ज्वल भविष्य का, अपितु कई बार अस्तित्व का भी प्रश्न बन जाती हैं। इसके साथ ही सरकार की विश्वसनीयता संकट में पड़ती है। प्रश्नपत्र लीक करवाने के मामले में कई बार बड़े-बड़े कोचिंग केंद्रों एवं संचालकों की भी संलिप्तता पाई जाती है। नकल आज एक देशव्यापी कारोबार बनता जा रहा है, जिसके कई लाभार्थी और अंशधारक हैं। राजनेता से लेकर अधिकारी तक, प्रश्नपत्र निर्माता से लेकर समन्वयक तक, परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्थाओं और आयोगों से लेकर परीक्षा केंद्रों तक की संदिग्ध भूमिका या मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता।

 

प्रश्नपत्र लीक की लगातार घटनाएं भारत की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गई हैं। उदाहरण के लिए, अकेले प्रश्नपत्र लीक के 70 से अधिक मामले 2023 में सामने आए, जिससे बीसीएस , मेडिकल प्रवेश परीक्षा और राज्य भर्ती परीक्षाओं सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं प्रभावित हुईं । इन लीक ने छात्रों में अत्यधिक तनाव और चिंता पैदा कर दी है , जिससे उनकी तैयारी और आत्मविश्वास का स्तर बाधित हुआ है। प्रश्नपत्र लीक होने में मैनुअल हैंडलिंग और सुरक्षा चूक प्रमुख कारण है। प्रश्नपत्रों की छपाई और वितरण की पारंपरिक विधि में कई टचपॉइंट शामिल होते हैं, जहां सुरक्षा से समझौता किया जा सकता है। उदाहरण के लिए: 2020 में, मैनुअल हैंडलिंग गलती के कारण बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के दौरान एक महत्वपूर्ण गलती हुई। संगठित अपराध में संलिप्तता से आपराधिक गिरोह परीक्षा प्रणाली की कमजोरियों का लाभ बढ़ते आर्थिक लाभ कमाते हैं। उदाहरण के लिए: राजस्थान में, कई परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया, जिससे करोड़ों का अवैध राजस्व अर्जित हुआ।

 

तकनीकी कमज़ोरियाँ बताती है कि खराब सुरक्षा वाले डिजिटल सिस्टम को हैक किया जा सकता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक लीक हो सकता है। उदाहरण के लिए: मेडिकल प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र हैक किए गए ईमेल पोस्ट के माध्यम से लीक हो गए, जिससे व्यापक वितरण हुआ। परीक्षा अधिकारी या कर्मचारी कभी-कभी वित्तीय लाभ के लिए पेपर लीक करने के लिए बाहरी पक्ष के साथ सहयोग करते हैं। उदाहरण के लिए: 2023 में राज्य भर्ती परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र लीक करने में शामिल होने के लिए कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। प्रश्नपत्र लीक रोकने के लिए आज हमें उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल की महती आवश्यकता है। भौतिक उपयोगकर्ताओं के लिए छेड़छाड़-रोधी ट्रैकिंग और सुरक्षित परिवहन सुविधाओं का उपयोग करना जरुरी है। उदाहरण के लिए: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डेटाबेस डिजिटल संसाधनों का उपयोग शुरू किया है, जो केवल परीक्षा परिणामों पर अधिकृत कर्मियों के लिए आसान हैं।

 

सुरक्षित प्रश्नपत्र प्रबंधन और वितरण के लिए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए: एडुब्लॉक प्रोब्लॉक का उपयोग करके यह सुनिश्चित करता है कि प्रश्नपत्र सुरक्षित रूप से चिपका हुआ हो और केवल परीक्षा केंद्र पर ही डिक्रिप्ट किया गया हो , जिससे लीक होने का जोखिम काफी कम हो जाता है। सख्त कानूनी ढांचा लीक में शामिल व्यक्तियों और अंगों के लिए कठोर दंड लागू कर सकता है। उदाहरण के लिए: सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित मौतों की रोकथाम) टिप , 2024, कारावास और भारी जुर्माने सहित कठोर दंड का प्रस्ताव करता है। परीक्षा कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और सख्त जवाबदेही भी एक उपाय हो सकता है। उदाहरण के लिए: खतरे का पता लगाना और उन्हें रोकने के लिए नियमित ऑडिट करना और निगरानी प्रणाली लागू करना। प्रश्नपत्र लीक का छात्रों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर पड़ता है।इससे छात्रों में तनाव और चिंता में वृद्धि होती है।

 

प्रश्नपत्र लीक होने से उत्पन्न असुविधा और अनियमितता छात्रों में तनाव और चिंता को काफी हद तक बढ़ा देती है, जिससे उनका मानसिक कल्याण और परीक्षा प्रदर्शन प्रभावित होता है। जिन छात्रों ने कड़ी मेहनत की है, उन्हें लग सकता है कि उनकी उपलब्धियों को कम आंका गया है, जिससे शिक्षा प्रणाली और उनकी अपनी क्षमता में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। पेपर लीक की बार-बार होने वाली घटनाएं छात्रों को हक़ कर सकती हैं, जिससे उन्हें अपने भविष्य की संभावनाओं और योग्यता-आधारित सफलता के मूल्य के बारे में मोहभंग होने लगता है।बिहार में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं के कई लीक के बाद, कई छात्र निराश महसूस करने लगे और शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता में विश्वास खो दिया। छात्रों की शैक्षणिक योजनाएं परीक्षा में बैठने की आवश्यकता से बाधित होती हैं , जिससे अतिरिक्त तनाव और तार्किक प्रतिभा पैदा होती है। प्रश्न-पत्र लीक होने सेकण्डरी विश्वास और परीक्षा में विश्वास की हानि होती है, जिससे छात्रों और सेवाओं में अविश्वास पैदा होता है।

 

छात्रों पर इस मनोवैज्ञानिक प्रभाव को कम करने के लिए परामर्श और सहायता सेवाएं समय की मांग है । लीक से प्रभावित छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहायता और परामर्श प्रदान करना अत्यंत जरुरी है। उदाहरण के लिए: परीक्षा के समय में छात्रों को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करने के लिए हेल्पलाइन और परामर्श केंद्र स्थापित करना। भविष्य में लीक को रोकने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में संशोधित संचार बनाए रखें। छात्रों और उपभोक्ताओं को विश्वास को फिर से बनाने के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों और मुफ्त योजनाओं के बारे में सूचित करना। वैकल्पिक परीक्षा कार्यक्रम से बीमारियों को कम करने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ परीक्षाओं को जल्दी से दोबारा करवाना बहुत फायदेमंद है। छात्रों के लिए लंबे समय तक तनाव से बचने के लिए स्थानीय प्रश्न पत्र और पर्याप्त परीक्षा तिथियों की व्यवस्था करना। प्रश्नपत्र लीक होने की निरंतर घटनाएं प्रतियोगी परीक्षाओं की वास्तविकता को कमजोर करती हैं और छात्रों के लिए काफी तनाव का कारण बनती हैं।

 

चूंकि प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या अनियंत्रित होती जा रही है, इसलिए केंद्र समेत विभिन्न राज्यों की सरकारों का यह प्रथम एवं सर्वोच्च दायित्व होना चाहिए कि वे प्रश्नपत्र लीक होने के प्रकरणों की पुनरावृत्ति न होने दें और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे प्रश्नपत्र लीक होने की कोई गुंजाइश ही न रहे। समझना कठिन है कि सूचना तकनीक के इस युग में ऐसी व्यवस्था बनाना कठिन क्यों है? यह दुर्भाग्य की बात है कि शिक्षा क्षेत्र की कई समस्याओं के समाधान की कोई राह नहीं दिख रही है। इन्हीं में से एक है प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां किसी न किसी प्रतियोगी या नियमित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का मामला सुर्खियों में न रहता हो।

इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक उत्कृष्ट दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, सख्त कानूनी उपाय और प्रभावित छात्रों के लिए व्यापक समर्थन शामिल है। इन उपायों को लागू करके, हम परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल कर सकते हैं और सभी छात्रों के लिए एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित कर सकते हैं।

 

 

-प्रियंका सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

  • Related Posts

    पहलगाम से सीज़फायर तक उठते सवाल

    अरुण श्रीवास्तव भारत के स्वर्ग कहे जाने वाले…

    Continue reading
    युद्ध और आतंकवाद : हथियारों का कारोबार! 

    रुबीना मुर्तजा  युद्ध  आमतौर पर दो या दो …

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    ‘गुरु दक्षता’ फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का भव्य शुभारंभ

    • By TN15
    • May 14, 2025
    ‘गुरु दक्षता’ फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का भव्य शुभारंभ

    पूरी पारदर्शिता से लाभुकों को ससमय गुणवत्तापूर्ण राशन दें : डीएम

    • By TN15
    • May 14, 2025
    पूरी पारदर्शिता से लाभुकों को ससमय गुणवत्तापूर्ण राशन दें : डीएम

     16 मई को निकाली जाएगी तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा : प्रवीण लाठर

    • By TN15
    • May 14, 2025
     16 मई को निकाली जाएगी तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा : प्रवीण लाठर

    मतलोडा में अवैध नशीले दवाइयां मिलने पर हरियाणा एनसीबी की करनाल यूनिट ने मेडिकल स्टोर को करवाया सील

    • By TN15
    • May 14, 2025
    मतलोडा में अवैध नशीले दवाइयां मिलने पर हरियाणा एनसीबी की करनाल यूनिट ने मेडिकल स्टोर को करवाया सील

    शहीद ऊधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी में प्राथमिक चिकित्सा एवं नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का होगा आयोजन

    • By TN15
    • May 14, 2025
    शहीद ऊधम सिंह राजकीय महाविद्यालय मटक माजरी में प्राथमिक चिकित्सा एवं नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का होगा आयोजन

    दिल्ली पब्लिक स्कूल, पानीपत रिफाइनरी ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में रचा सफलता का नया कीर्तिमान

    • By TN15
    • May 14, 2025
    दिल्ली पब्लिक स्कूल, पानीपत रिफाइनरी ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में रचा सफलता का नया कीर्तिमान