दरभंगा। घूस लेते दारोगा जी पकड़े गए। बाजितपुर थाने में इनकी पोस्टिंग थी। सोशल मीडिया पर रिश्वत का वीडियो वायरल हुआ था। दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने मामले की जांच करवाई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर दारोगा को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले भी कई पुलिसकर्मी रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित हो चुके हैं।
दरअसल, बाजितपुर थाने में तैनात दरोगा शशिभूषण रजक एक केस के जांच अधिकारी थे। आरोप है कि उन्होंने पीड़ित पक्ष से केस में मदद के नाम पर रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने रिश्वत देते समय शशिभूषण रजक का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामला एसएसपी जगुनाथ रेड्डी के संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दे दिए।
बेनीपुर के एसडीपीओ और बहेड़ा के सर्किल इंस्पेक्टर को जांच सौंपी गई। दोनों अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में दरोगा शशिभूषण रजक को दोषी पाया। रिपोर्ट मिलते ही एसएसपी ने शशिभूषण रजक को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पिछले कुछ दिनों में रिश्वतखोरी के आरोप में पुलिसकर्मियों पर की गई ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले, दो दिन पहले ही फेकला की थानाध्यक्ष पूजा कुमारी और दरोगा पन्नालाल सिंह को गिरफ्तारी वारंट के बदले पैसे लेने के आरोप में निलंबित किया गया था। इस मामले में फेकला थाना के ड्राइवर की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इससे पहले इसी थाने की थानाध्यक्ष तृषा सैनी और एक चौकीदार को शराब कारोबारियों से सांठगांठ के आरोप में तीन महीने पहले निलंबित किया गया था।
एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाजितपुर थाने के दारोगा शशिभूषण रजक का रिश्वतखोरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसकी जांच के लिए बेनीपुर एसडीपीओ और बहेड़ा अंचल के सर्किल इंसेक्टर को दिया गया था। दोनो पदाधिकारियों की जांच रिपोर्ट में मामला सही पाया जाने पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।