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बंगाल में मां ने लेस्बियन सहेली संग मिल बेटे की क्रूरता से हत्या 

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दोनों समलैंगिक सहेलियों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था बेटे ने 

कोलकाता। क्या समलैंगिकता में कोई इतना पागल हो सकता है कि अपने बेटे की ही हत्या कर दे वही क्रूरता के साथ। हां पश्चिम बंगाल में हुगली में एक ऐसी ही घटना हुई है। एक महिला के अपनी सहेली से संबंध थे। इस महिला ने अपनी समलैंगिक सहेली के साथ मिलकर अपने ही बेटे की हत्या कर दी। दरअसल बेटे ने इन दोनों सहेलियों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। दरअसल पश्चिम बंगाल के हुगली में एक हिला देने वाली घटना हुई। एक 8 साल के बच्चे की निर्मम हत्या कर दी गई। बच्चे के शव क्षत-विक्षत था। उसके हाथ की कलाई कटी थी, शरीर पर कई चोट के निशान थे। उसकी मां बेटे की लाश को पकड़कर बिलख रही थी। हर कोई सिहर उठा था। बच्चे की खामोशी और मां की करुण चीखें हर किसी को रोने पर मजबूर कर रही थीं। हर कोई मासूम बच्चे की बेरहमी से हत्या करने वाले को कोस रहा था। मां को दिलासा देने के लिए सुबह से शाम तक घर पर लोगों को भीड़ जमा रही। घटना के चार दिन बाद जो खुलासा हुआ उसने हर किसी को चौंका दिया। सामने आया कि मां ने ही बच्चे की हत्या की थी और चार दिनों तक पुलिस को बरगलाने के लिए वह खुद रोने और दुखी होने का नाटक करती रही। यह मां कुमाता इसलिए बनी क्योंकि उसके बेटे ने उसे दूसरी महिला के साथ संबंध बनाते देख लिया था।

गिरफ्तारी के बाद महिलाओं ने बताई हत्या की कहानी

 

पुलिस का दावा है कि दोनों महिलाएं, मां शांता शर्मा और इशरत परवीन को कोलकाता के वाटगंज से गिरफ्तार किया गया। दोनों ने अपने रोमांटिक रिश्ते स्वीकार किए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे ने उन दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था और उन्हें डर था कि बच्चा उनके लेस्बियन होने का राज सबके सामने न खोल दे।

 

बच्चे की लाश ने हर किसी को हिलाया

 

कोलकाता से बमुश्किल 25 किलोमीटर दूर कोन्नगर के आदर्शनगर में शुक्रवार की हत्या की भयावह प्रकृति ने सभी को चौंका दिया था। कक्षा 4 के छात्र पर सब्जी के चाकू से वार किया गया। उसके सिर पर बार-बार लोहे की छड़ से वार किया गया और पत्थर की मूर्ति से उसका चेहरा कुचल दिया गया था। उसके हाथ भी काट दिए गए थे। इस हत्या का आरोप परिवार के किसी सदस्य या उसके किसी परिचित पर था।

 

इस तरह हत्यारी महिलाओं तक पहुंची पुलिस

 

फोरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता से चंदेरनगर कमिश्नरेट की एक टीम ने इसकी जांच की। पूर्व कनईपुर पंचायत प्रधान अचलाल यादव ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सौंपे। फुटेज का विश्लेषण करने के बाद पुलिस ने स्नेहांग्शु शर्मा के पिता पंकज और मां शांता को पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस ने दावा किया कि शांता ने लगातार पूछताछ के बाद खुलासा किया कि वह और इफफत एक भावनात्मक और यौन संबंध में शामिल थीं। शुक्रवार को, स्नेहांग्शु ने उन्हें एक अंतरंग स्थिति में देखा, इसलिए उन्होंने उसे मारने का फैसला किया।

 

शादी के पहले से थे संबंध

 

सेरामपुर के उपायुक्त अर्नब बिस्वास ने कहा कि शांता और इशरत एक-दूसरे को शादी से पहले से जानती थीं। पुलिस ने कहा कि यह इफफत थी, जिसने स्नेहांशु पर मूर्ति फेंकी थी। बाद में, उसे बार-बार चाकू मारने के लिए एक रसोई के चाकू का इस्तेमाल किया गया। शांता और इफफत के बीच का रिश्ता पुराना था। वे आधी रात को घंटों तक फोन पर बात करती थीं। कई सबूतों के आधार पर, हमने इन दो महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया। शांता को उसके घर से और इफफत को वाटगंज में उसके घर से गिरफ्तार किया गया।

 

पति को संबंधों की थी जानकारी

 

बताया जा रहा है कि इशरत और शांता के संबंधों की जानकारी शांता के पति को थी। उसने पुलिस को बताया कि चूंकी रात को शांता गुपचुप इशरत के बात करती थी और दोनों के हावभाव से उसे शक था। एक बार दोनों को संबंध बनाते हुए उसने देख लिया था, जिसके बाद उसका शक यकीन में बदल गया था। हालांकि उसने इसकी भनक किसी को नहीं होने दी, यहां तक कि शांता को भी एहसास नहीं होने दिया कि वह कुछ जानता है। उसने यह सब इसलिए किया क्योंकि उसे अपने बच्चे के भविष्य की चिंता थी। इसके अलावा वह समाज और रिश्तेदारों में शांता की बदनामी नहीं चाहता था।